Meat Production: लोकल मार्केट में इस तरह होती है मीट की बिक्री, बड़े शहरों में पैक्ड मीट की बढ़ रही है डिमांड

red meat and chicken meat

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. देश में मुख्य रूप से बफैलो, बकरी, भेड़ और ब्रॉयलर मुर्गों का मीट ज्यादा बिकता है. इसमें लोग अपनी जरूरत के मुताबिक मीट का चयन करते हैं. इन सभी मीट में सबसे प्रीमियम मीट बकरे का माना जाता है. जिसके चलते इसकी कीमत भी जयादा रहती है. छोटे शहरों में 600 से 700 रुपए और बड़े शहरों में 800 रुपए में या फिर इससे भी महंगा बिकता है. शादी—ब्याह के समय तो इसकी कीमतों में जबरदस्त उछाल भी देखा जाता है. आमतौर पर इस मीट को लोग शहरों में रोड किनारे बनी दुकानों से लेते हैं.

गौरतलब है कि देशभर में तकरीबन 4000 स्थानीय निकाय प्रबंधित बूचड़खानों में बफैलो मांस का उत्पादन किया जाता है और ये ज्यादातर कस्बों और शहरों के बाहरी इलाके में स्थित होता है. उत्तर प्रदेश में कई शहरों में स्लाटर हाउस को साल 2017 में आई योगी सरकार ने बंद करवा दिए थे. क्योंकि ये गाडलाइंस को पूरा नहीं कर रहे थे. वहीं मांस को खुदरा विक्रेता अपनी जरूरतों की पूर्ति करते हैं. थोक विक्रेता कई बार बूचड़खानों से मीट की खरीद करते हैं. या फिर जीवित जानवरों को खरीदते हैं और बूचड़खाने में कटिंग के बाद मीट के टुकड़ों को दुकान पर लाकर बेचा जाता है. जहां से आम लोग इसे खरीदते हैं.

रिटेल में स्टॉलों पर ताजा बिकता है मीट
गौरतलब है कि भेड़, बकरी और मुर्गी के मीट को हड्डी रहित और हड्डी के साथ बेचा जाता है, जबकि भैंस का मांस ज्यादातर बोनलेस के रूप में बेचा जाता है. हालां​कि लोकल दुकानों पर बोन के साथ भी बिकता है. मीट का एक बड़ा हिस्सा उसी दिन पशु कटिंग के बाद बिना किसी फ्रीजर में रखे रिटेल मांस स्टालों पर ताजा बेचा जाता है. लगभग सभी मुर्गियां का मीट बाजारों में इसी तरह बेचा जाता है, जहां जीवित पक्षियों को रिटेल दुकान के किनारे रखा जाता है और जब भी ग्राहक मांग करता है, तो पक्षियों को ताजा कटिंग करके बेच दिया जाता है. टुकड़ों में काटकर इन्हें बेच दिया जाता है. पॉलीइथाइलीन या पॉलीप्रोपिलीन बैग में वितरित किया जाता है. ग्राहकों के पास ऐसे रिटेल आउटलेट्स में पक्षियों का चयन करने का विकल्प भी होता है.

बड़े शहरों में पैक्ड मीट पसंद कर रहे हैं लोग
बता दें कि पैक किए हुए ठंडे और जमे हुए मांस की बिक्री बड़े शहरों में स्थित अब सुपरमार्केट में धीरे-धीरे बढ़ रही है. ब्रॉयलर चिकन के मामले में, हाल ही में कुछ आधुनिक इंटरग्रेटेड पोल्ट्री प्रोसेसिंग प्लांट सीधे अपने और अनुबंधित पोल्ट्री फार्म से पक्षियों की खरीद करते हैं और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता से संसाधित चिकन बेचते हैं और विभिन्न देशों में निर्यात करते हैं. गांवों में, भेड़, बकरी और भैंस के मांस की खुदरा बिक्री एक या दो जानवरों को हर हफ्ते या विशेष अवसरों पर एक समूह द्वारा एक साथ मिलाकर क​टिंग करके की जाती है, जो जानवरों और प्राप्त मांस की लागत साझा करते हैं. गांवों में मांस पर अधिक ओवरहेड लागत नहीं होती है.

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