Mobile Veterinary Unit: अब घर पर मिलेगा आपके बीमार पशुओं को बेहतर इलाज, नोट करें ये टोल फ्री नंबर

मोबाइल पशु चिकित्सा से तत्काल अच्छी चिकित्सा पशुओं को मिलेगी और उनके हेल्थ में जल्द राहत मिलेगी. पशुओं में इंफेक्शन फैलने से पहले ही उनकी जांच और उसका कंट्रोल संभव हो सकेगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. अब पशुपालकों को अपने बीमार पशुओं के इलाज के लिए पशु चिकित्सालय नहीं जाना पड़ेगा. बीमार पशुओं का घर पर ही अच्छा इलाज मिल सकेगा. पशुओं में संक्रामक रोग फैलने के स्थिति में उसकी जांच और उसकी रोकथाम भी हो सकेगी. इसके लिए मोबाइल पशु चिकित्सा सुविधा ले सकते हैं. इसका लाभ लेने के लिए आपको बस एक नंबर पर कॉल करना है और वेटेरनरी डॉक्टर आपके घर पहुंच जाएंगे. मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई की शुरुआत होने से ऐसी जगह पर बीमार पशुओं को जल्द इलाज मिल रहा है, जहां से पशु चिकित्सालय या तो दूर है या साधनों की कमी होती है. मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई जीपीएस से लैस है.

इस गाड़ी में पशु रोगों की पहचान, पशु चिकित्सा एवं उनकी सर्जरी के साथ ही सरकार की योजनाओं की जानकारी भी आपको घर बैठे ही मिल जाएगी.पशुओं की चिकित्सा के लिए मेडिसिन की सुविधा उपलब्ध रहती है. यह सुविधा आपको सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक मिलेगी. मोबाइल पशु चिकित्सा से तत्काल अच्छी चिकित्सा पशुओं को मिलेगी और उनके हेल्थ में जल्द राहत मिलेगी. पशुओं में इंफेक्शन फैलने से पहले ही उनकी जांच और उसका कंट्रोल संभव हो सकेगा.

आपको इस नंबर पर करना है कॉल: सरकार ने 1962 टोल फ्री नंबर जारी किया है. मोबाइल पशु चिकित्सालय का संचालन राज्य स्तर पर एक कॉल सेंटर के माध्यम से होता है. मोबाइल पशु चिकित्सा के जरिए पशुपालकों के घर पर पशु चिकित्सकों की सुविधा उपलब्ध है. दूर इलाकों में बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय में लाने में कठिनाई होती है, लेकिन मोबाइल यूनिट के शुरू होने से पशुपालकों को राहत मिल रही है. दूर दराज के पशुओं को पशु चिकित्सालय लाने में लगने वाला समय और खर्चा दोनों की बचत हो रही है. बीमार पशुओं को तत्काल और अच्छा इलाज मिल रहा है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार द्वारा टोल फ्री नंबर 1962 जारी किया गया है.


ऐसे करता है काम: हम आपको बताते हैं कि यह कैसे काम करता है. पशुपालक निर्धारित समय में टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल कर या मोबाइल ऐप के जरिए कॉल सेंटर में पशु चिकित्सक से संपर्क करते हैं. संपर्क के बाद कॉल सेंटर में उनका रजिस्ट्रेशन होता है और प्रत्येक केस के लिए एक यूनिक आईडी दी जाती है. कॉल सेंटर में कार्यरत कॉल एग्जीक्यूटिव के द्वारा संबंधित जगहों पर संचालित मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई को सूचना दे दी जाती है. मोबाइल पशु चिकित्सा की उपलब्धता के अनुसार उनके माध्यम से पशु चिकित्सकों के घर पर पशु चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. तो अगर आप भी पशुपालक हैं तो इस नंबर को नोट कर लें और सरकार की इस सुविधा का लाभ उठाएं.

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