नई दिल्ली. पशुपालन के काम में पशुपालकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि वह अपने पशु को बीमारियों से कैसे बचाएं. चाहे वह बीमारी साधारण हो या फिर बड़ी, हर तरह की बीमारी पशुओं की सेहत पर असर करती है और इससे उनका उत्पादन खराब हो जाता है. जिसके नतीजे में पशुपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इस नुकसान से बचने के लिए कई ऐसे उपाय हैं, जिनको करके आप पशुओं को बीमारियों से बचा सकते हैं. जिससे पशु बीमार भी नहीं होगा और न ही पशुपालन के काम में नुकसान होगा.
बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मुताबिक अगर आप बकरी पालक हैं तो आपने ये देखा होगा कि अक्सर बकरियों को खांसी और जुकाम हो जाता है. कई बार ये मौसम के बदलाव की वजह से होता है. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए बकरी को सरसों का तेल और हल्दी दिया जा सकता है. जिससे बकरी को यह परेशानी नहीं होगी. अगर है भी तो समस्या दूर हो जाएगी.
कितना देना है सरसों का तेल और हल्दी
अब बात आती है कि बकरियों को कितना सरसों का तेल और कितनी हल्दी देना चाहिए, तो बता दें कि मीडियम आकार की बकरी के लिए 4 से 5 एमएल सरसों का तेल सही है. वहीं उसके अंदर एक ग्राम हल्दी का इस्तेमाल करना चाहिए.
यदि आपके पास बीटल और सिरोही नस्ल की बकरियां हैं जो बड़ी नस्ल की बकरियां मानी जाती हैं तो उन्हें डोज बढ़कर देना चाहिए. यानी उन्हें आप सरसों का तेल भी ज्यादा दे सकते हैं, और हल्दी भी ज्यादा.
अब बात आती है कि इस देसी उपाय को कितनी बार इस्तेमाल करना है तो बता दें कि आप जब भी बकरियों को ये दें तो एक दिन दें. उसके बाद चार से पांच दिन गैप कर दें. यदि हफ्ते में एक बार पिलाते हैं तो इसका रिजल्ट अच्छा मिलेगा.
यदि आपकी बकरी को सर्दी जुकाम है तो सुबह और शाम सरसों का तेल और हल्दी मिलाकर दे सकते हैं. इससे तेजी के साथ बकरी को राहत मिलेगी.
निष्कर्ष
अगर आप बकरी पालन कर रहे हैं तो इस तरीके को जरूर आजमाएं इससे बकरी पालन के काम में बकरियों को बीमार होने से बचा पाएंगे.