Dairy: NDDB देश में 75 हजार नई डेयरी सहकारी समितियां करेगा स्थापित, चेयरमैन ने किए कई और बड़े ऐलान

लोगों को संबोधित करते एनडीडीबी के चेयरमैन डॉ. मीनेश शाह.

नई दिल्ली. एनडीडीबी के स्थापना दिवस और हीरक जयंती समारोह में ग्रामीण समृद्धि के लिए सहकारी डेयरी पर आयोजित सम्मेलन में बोलते हुए एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह ने कहा कि भारत ने दूध की कमी वाले देश से दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बनने की एक उल्लेखनीय यात्रा शुरू की है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आणंद इकोलॉजी सिस्टम, इसकी मूल्य प्रणाली और सभी संबद्ध संस्थानों ने इस सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने आगे कहा कि सहकारी डेयरी मॉडल ने ग्रामीण भारत में महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन लाया है और किसानों के जीवन में सुधार लाया है.

डॉ. शाह ने श्वेत क्रांति 2.0 के रोडमैप की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि 2047 तक विकसित भारत का विजन तभी प्राप्त किया जा सकता है जब ग्रामीण भारत पूरी तरह से मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था में एकीकृत हो जाए.

निर्यात की जरूरत पर दिया जोर
उन्होंने इस दिशा में प्रमुख लक्ष्यों पर प्रकाश डाला, जिसमें किसानों के लिए बेहतर फायदे और उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण दूध सुनिश्चित करने के लिए संगठित डेयरी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाना शामिल है.

एनडीडीबी के अध्यक्ष ने लिंग-सॉर्टेड वीर्य, ​​जीनोमिक चिप्स और भ्रूण स्थानांतरण जैसी उन्नत तकनीकों के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने के महत्व पर बल दिया.

उन्होंने भारत को डेयरी निर्यात के लिए तैयार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया और एफएमडी- और ब्रुसेलोसिस-मुक्त स्थिति प्राप्त करने के महत्व पर प्रकाश डाला.

उन्होंने कहा कि सरकार के सहयोग से, एनडीडीबी अवसरों की पहचान कर रहा है और आने वाले वर्षों में 75 हजार नई डेयरी सहकारी समितियां स्थापित करने का लक्ष्य रखता है.

उन्होंने बायोगैस, सौर ऊर्जा और जैविक उर्वरकों में नई मूल्य श्रृंखलाएं विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्थिरता के महत्व को भी रेखांकित किया.

डॉ. शाह ने इस बात पर ज़ोर दिया कि एनडीडीबी किसानों के लिए है और उनके जीवन को बेहतर बनाना संगठन की नैतिक जिम्मेदारी है.

उनका मानना ​​है कि सहयोग और पेशेवर नेतृत्व के माध्यम से भारत किसानों की आय बढ़ा सकता है और राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है.

उन्होंने इस 60 साल की यात्रा का अभिन्न अंग बनने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र की सभी सहकारी समितियों और संस्थाओं के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया.

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