Pashu Mitra Yojana: क्या है और कैसे मिलता है पशु मित्र योजना का फायदा, जानें कैसे करें अप्लाई

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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. साल 2023-24 के बजट में तत्कालीन काग्रेस के नेतृत्व वाली अशोक गहलोत सरकार ने पशु मित्र योजना की शुरुआत की थी. सरकार की मंशा थी कि इसके तहत राज्य में बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाए और इससे पशुपालकों को भी सरकार की योजनाओं से जोड़कर फायदा पहुंचाया जाए. बता दें इस योजना के जरिये विशेषकर ग्रामीण युवाओं को अपने गांव में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए. राजस्थान सरकार ने इस वर्ष अपने बजट में 5000 युवाओं की नियुक्ति पशु मित्र के रूप में करने का निर्णय लिया था.

अगर पशुमित्र के काम की बात की जाए तो ये पशुओं को टीका लगाने से लेकर किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिलवाने तक का काम करते हैं. वहीं पशुपालन को लेकर जब शिविर का आयोजन होता है तब भी ये लोग मदद करते हैं. बताते चलें कि पशु मित्र योजना के तहत जुड़ने वाले लोगों की अच्छी कमाई हो जाती है. पशु मित्रों को योजना के तहत 10 कामों को करना पड़ता है और हर काम के लिए अलग—अलग मानदेय निर्धारित किया गया है.

10 काम करना होता है
पशु मित्र को इस योजना के तहत टेगिंग और इनाफ सॉफ्टवेयर पर इंद्राज करना होता है. छोटे पशुओं और बड़े पशुओं के लिए ढाई और 3.30 रुपये मिलता है. वहीं कृत्रिम गर्भाधान के लिए 100 रुपये दिया जाता है. कृत्रिम गर्भाधान से पहली और दूसरी बार गर्भधारण करने पर ढाई सौ रुपये का मानदेय दिया जाता है. वत्स उत्पादन के लिए 100 रुपये, एफएमडी टीकाकरण के लिए छोटे और पशुओं के लिए 18 रुपये दिए जाते हैं. एचएसबीक्यू टीकाकरण के लिए 8 रुपये दिए जाते हैं. पर पीपीआर, ईटीवी शीपपॉक्स टीकाकरण के लिए 3 रुपये मिलता है. जबकि किसान क्रेडिट कार्ड जारी करवाने के लिए 25 रुपये, पशु चिकित्सा सिविर आयोजन में मदद करने के लिए 300 रुपये और पशु बीमा में स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करवाने के लिए 50 मिलता है.

पशुमित्र का कैसे होता है चयन
पशुमित्र योजना के लिये इच्छुक आवेदक प्रशिक्षित बेरोजगार पशुधन सहायक / पशु चिकित्सक राजस्थान राज्य का मूल निवासी होना चाहिए. पशुमित्र (पशु चिकित्सक) अभ्यर्थी का मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / महाविद्यालय से न्यूनतम बीवीएससी एंड एएच में डिग्री व राजस्थान राज्य पशु चिकित्सा परिषद में पंजीकृत होना अनिवार्य है. पशुमित्र अभ्यर्थी का राजूवास से पंजीकृत / मान्यता प्राप्त संस्था से 2 वर्षीय पशुपालन डिप्लोमा किया होना अनिवार्य होगा. बेरोजगार पशुधन सहायक, जो कि पहले से पशुधन सेवा केन्द्र संचालित कर रहे हैं, इस योजना के लिये पात्र होंगे.

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