Poultry Farming: नया पोल्ट्री फार्म खोलने के हैं ये नियम, लाइसेंस बनवाने के लिए देने होंगे ये दस्तावेज

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पोल्ट्री फार्म का प्रतीकात्मक फोटो. livestock animal news

नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग एक ऐसा काम है, जिससे आप लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं. पोल्ट्री फार्मिंग में आमतौर पर अंडों के लिए लेयर मुर्गियों को पाला जाता है. जबकि मीट का उत्पादन करने के लिए ब्रॉयलर मुर्गों की फार्मिंग की जाती है. वहीं बहुत से लोग बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग करके भी अच्छी कमाई करते हैं. इस तरह की फार्मिंग मेथड में ज्यादातर देसी नस्ल की मुर्गियां पाली जाती हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर आप कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो पोल्ट्री फार्मिंग का काम भी शुरू कर सकते हैं, इसमें मुनाफा अच्छा मिलता है.

पोल्ट्री फार्मिंग में चाहे जो भी काम करें, इसमें कमाई की गारंटी है. आप अंडा बेचकर इससे मुनाफा कमा सकते हैं. जबकि मुर्गों को मीट के लिए बेचकर भी कमाई कर सकते हैं, लेकिन अगर आप कमर्शियल पोल्ट्री फार्मिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए सरकार की ओर से कुछ नियम भी बनाए गए हैं. जिन्हें मानना बेहद जरूरी होता है. पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि सरकार किसी पोल्ट्री फार्म को बंद तो नहीं करती लेकिन अगर कोई फार्म प्रदूषण फैलाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर की जा सकती है. इसलिए नियमों को मानना बेहद ही जरूरी होता है.

ये हैं पोल्ट्री फार्म खोलने के नियम
नियम के मुताबिक आवासीय इलाके से कम से कम 500 मीटर दूर पोल्ट्री फार्म खोलना चाहिए. एनएच से 100 मीटर और एसएच से 50 मीटर की दूरी पर फॉर्म खोला जा सकता है. वहीं 5000 या उससे ज्यादा मुर्गियों को पालने के लिए प्रदूषण प्रमाण पत्र लेना होता है. फार्म के लिए लेआउट में चूजों के बीच कम से कम 50 से 100 फीट की दूरी रखी जाती है. वहीं ग्रोवर और लेयर शेड के बीच कम से कम 100 मीटर की दूरी होनी चाहिए. फॉर्म के आसपास लोगों की आवाजाही कम करने के लिए अंडा स्टोरेज स्टोर, ऑफिस रूम और चारा स्टोरेज रूम एंट्री गेट के पास बनाना चाहिए.

लाइसेंस के लिए इन दस्तावेजों की पड़ती है जरूरत
पोल्ट्री फार्म का लाइसेंस भी लिया जाता है. इसके लिए आवेदन पत्र पहचान प्रमाण पत्र के तौर पर आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी देनी होती है. पते के प्रमाण पत्र के तौर पर बिजली बिल और राशन कार्ड दे सकते हैं. वहीं जमीन का स्वामित्व यह किराया का दस्तावेज भी देना होगा. भवन निर्माण का नक्शा भी दिया जाता है. पशु चिकित्सा का प्रमाण पत्र भी लेना होता है. पर्यावरण मंजूरी यदि जरूरी होती है तो लेनी पड़ती है. टैक्स भुगतान की रसीद भी लाइसेंस के लिए जरूरी होती है.

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