नई दिल्ली. हाल ही में उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में उत्तराखंड की सीमा से सटे काशीपुर में मुर्गियों में बर्ड फ्लू का मामला सामने आया था. जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए इसके बेचने पर पाबंदी लगा दी. पाबंदी 21 दिनों की लगाई गई है. यहां 21 दिनों तक न तो अंडा बेचा जा सकेगा और न ही मुर्गा. वहीं प्रशासन ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. खासतौर पर पोल्ट्री फॉर्मर्स को कुछ सलाह दी गई है ताकि वो अपने कारोबार को बचा सकें. क्योंकि बर्ड फ्लू एक ऐसी बीमारी है जो पूरे बिजनेस को खत्म कर देती है.
ऐसे में पोल्ट्री फार्मर्स को क्या करना चाहिए इसके बारे कुक्कुट विज्ञान विभाग, पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय, मथुरा (Department of Poultry Science, College of Veterinary Science and Animal Husbandry, Mathura) के एक्सपर्ट ने कुछ अहम जानकारी लाइव स्टक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) के साथ साझा की है. जिसकी जानकारी हम यहां आपको दे रहे हैं.
क्या करें, जानें यहां
एक्सपर्ट की मानें तो बर्ड फ्लू मुर्गियोें में होने वाला एक संक्रमण रोग है. एक मुर्गियों से दूसरी हैल्दी मुर्गियों में जा सकता है.
कहा जाता है कि सीमित दायरे में आने वाले संक्रमित मुर्गियों को मारकर दफना देना चाहिए, ताकि वायरस आगे न बढ़े.
मुर्गियों के लिए यह संक्रमण बेहद घातक है. 48 घंटे में ही इस संक्रमण की चपेट में आकर मुर्गियों की मौत हो जाती है. मुर्गियों का डेथ रेट भी 90 से 100 प्रतिशत है.
क्या हैं लक्षण
बता दें कि बर्ड फ्लू के दौरान दर्द होना, पीठ के ऊपरी हिस्से में बहुत तेज दर्द होना, सिर में दर्द होना, लूज मोशन होना, खांसी और सांस लेने में कठिनाई होना, पेट में दर्द होना, नाक या मसूड़ों से ब्लीडिंग हो जाना आदि शामिल हैं.
ये बीमरी इतनी खतरनाक है कि बर्ड फ्लू वायरस इन्फेक्शन किसी भी व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है. कभी—कभी ऐसा भी हो सकता है कि व्यक्ति में लक्षण न दिखें.
ये भी संभव है कि व्यक्ति में इस बीमारी के लक्षण कम दिखे और कई बार ऐसा होता है कि लक्षण बहुत अधिक दिखे, जिससे मरीज की जान तक जा सकती है.