नई दिल्ली. कई पोल्ट्री एक्सपर्ट का ये मानना है कि पोल्ट्री फार्मिंग में आने वाली बीमारियां जिससे मुर्गियों में मृत्यु दर बढ़ जाती है. ये समस्या पोल्ट्री फार्मर की एक छोटी से गलती की वजह से होती है. एक्सपर्ट का कहना है कि यह गलती कुछ और नहीं बल्कि बीमारियों को नजर अंदाज करना है. बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (Department of Animal and Fishery Resources) के एक्सपर्ट की मानें तो अक्सर ऐसा होता है कि पोल्ट्री फार्मर मुर्गियों में होने वाली छोटी-मोटी परेशानियों को नजरअंदाज कर देते हैं. जिसकी वजह से मुर्गियों में गंभीर बीमारी फैल जाती है और नतीजे में बड़ी संख्या में फॉर्म मैं मौजूद मुर्गियों की मौत हो जाती है.
बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के एक्सपर्ट ने लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) को बताया कि कभी भी शुरुआती बीमारी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. क्योंकि यही शुरुआती बीमारी आगे चलकर बड़ा विकराल रूप ले लेती है. जिससे पोल्ट्री फार्मिंग के काम में बड़ा आर्थिक नुकसान होता है और पोल्ट्री फार्मिंग का काम बंद भी हो सकता है.
क्या गलतियां होती हैं
एक्सपर्ट कहते हैं कि बहुत से पोल्ट्री फार्मर ऐसा करते हैं कि कोई भी मुर्गी जब बीमार हो जाती है तो उसे नजर अंदाज कर देते हैं या उसका इलाज नहीं करते हैं.
इसके साथ-साथ बीमार मुर्गी को बाकी स्वस्थ मुर्गियों के साथ ही रहने देते हैं जो और बड़ी गलती बन जाती है.
जिसकी वजह से ये बीमार मुर्गी बाकी स्वस्थ मुर्गियों को भी तेजी से बीमार करने लगती हैं, जिसके नतीजे गंभीर होते हैं.
एक्सपर्ट कहते हैं अगर कोई मुर्गी बीमार दिखाई देती है तो उसे स्वस्थ मुर्गियों के साथ नहीं रखना चाहिए, तुरंत अलग कर देना चाहिए.
अलग करने के बाद पशु चिकित्सा की सलाह पर आप मुर्गी का इलाज कर सकते हैं. आप खुद से इलाज न करें. क्योंकि कई बार तो उसका इलाज खुद से करने से भी नुकसान होता है.
निष्कर्ष
पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो यह वह गलती है, जिससे पोल्ट्री फार्मिंग के काम में नुकसान होता है, लेकिन कभी भी बीमारियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए. तुरंत ही मुर्गियों का इलाज करना चाहिए ताकि पोल्ट्री फार्मिंग में नुकसान न हो.