नई दिल्ली. बारिश के सीजन में मुर्गियों के बीमार होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. इसलिए बारिश में मुर्गी को बीमारी से बचाने के उपाय को अपनाना चाहिए. बरसात का मौसम ऐसा मौसम है कि जब मुर्गियों को गीले वातावरण, दूषित चारा, नमी वाले बाड़े, और कीड़ों की समस्या से दोचार होना पड़ता है. इसके चलते मुर्गियों में फंगल इंफेक्शन, डायरिया, और यहां तक की बर्ड फ्लू का भी खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में अगर मुर्गियों को बचाने का उपाय न किए जाए तो आप खुद ही सोच सकते हैं कि कितना भारी नुकसान पोल्ट्री फार्मिंग में होगा.
बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (Department of Animal and Fishery Resources) की ओर से लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) को बताया गया कि बारिश में मुर्गियों को बीमारियों से बचाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं. उन्हीं तरीकों में कुछ अहम तरीके यहां हम आपको बताने जा रहे हैं. जिसका फायदा पोल्ट्री फार्मिंग में मिलेगा. फिर आइए जानते हैं.
पानी और आहार का खास ध्यान दें
एक्सपर्ट के मुताबिक मुर्गियों के पीने के पानी की साफ-सफाई और स्वच्छता सुनिश्चित करना बेहद ही जरूरी है.
गंदा या बासी पानी देने से आंतों के संक्रमण हो सकता है, इसलिए ऐसा पानी कभी भी मुर्गियों को न पिलाएं.
मुर्गियों को हमेशा ही संतुलित आहार दें, जिसमें प्रोटीन, कैल्शियम, मिनरल और विटामिन्स हों.
दाना गीला या फफूंदयुक्त न हो, इससे फंगल इंफेक्शन हो सकता है. जिसका ध्यान पोल्ट्री फार्मर्स को देना चाहिए.
बीमारियों से बचाव और टीकाकरण
सितंबर माह में रानीखेत जैसे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
इससे बचने के लिए समय पर टीकाकरण करवाना बेहद ही जरूरी होता है.
बीमार मुर्गियों को तुरंत अलग करें, ताकि अन्य मुर्गियों तक बीमारी का प्रसार न हो.
बायो-सिक्योरिटी उपाय भी करें
फार्म में बाहर से आने वाले व्यक्तियों के प्रवेश को सीमित करना बेहद ही जरूरी है.
फीड, पानी, उपकरण आदि को कीटाणु रहित करें, ताकि मुर्गियां बीमार न हों.
प्रवेश द्वार पर फुट डिप (Foot Dip) रखें जिसमें कीटाणुनाशक घोल हो.
निष्कर्ष
अगर इस आर्टिकल में बताए गए काम कर लेंगे तो मुर्गियों को बीमार होने से बचा लेंगे. जब ऐसा होगा तो पोल्र्टी फार्मिंग में नुकसा भी नहीं होगा.