नई दिल्ली. जहां एक और सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है तो वहीं पोल्ट्री फार्मिंग के काम में भी लोग आगे आएं, इसको लेकर कई सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. ताकि पोल्ट्री फार्मिंग करके किसान अपनी इनकम को दोगुना कर सकें. पोल्ट्री फार्मिंग का काम भी एक बेहतरीन काम है और इसे करके अच्छी खासी इनकम हासिल की जा सकती है. देश के बड़े सूबों में शुमार उत्तर प्रदेश में पोल्ट्री फार्मिंग को लेकर योजनाएं चलाई जा रही हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं कि पोल्र्टी फार्मर्स को इसका क्या फायदा मिलेगा.
प्रदेश में महानगर-लखनऊ क्षेत्र पर एक पोल्ट्री फार्मिंग ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके तहत सेवा कालीन पशुधन प्रसार अधिकारियों तथा निजी क्षेत्र के पोल्ट्री पालकों को प्रशिक्षण दिया जाता है. चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में राजकीय कुक्कुट प्रशिक्षण केन्द्र महानगर (चकगंजरिया) लखनऊ पर विभागीय प्रशिक्षण हेतु 30-30 दिवस के कुल आठ बैच बनाये गए हैं. जिसमें मंडल और जिला जनपद स्तर से लोगों का चयन करके सयुक्त निदेशक राजकीय कुक्कुट प्रशिक्षण केन्द्र महानगर (चकगंजरिया) लखनऊ को प्रेषित किया जाता है.
फीड ट्रेनिंग प्रयोगशाला
पोल्ट्री फार्मिंग पोल्ट्री फीड आहार की गुणवत्ता का विशेष महत्व है. आहार की क्वालिटी सुनिश्चित करने के मद्देनजर से लखनऊ में निदेशालय परिसर में एक आहार ट्रेनिंग प्रयोगशाला भी संचालित की जा रही है. जहां पर फीड में नमी, क्रूडप्रोटीन, ईथर एक्सट्रेक्टटोटल एरा, एसिडइनसाल्युविल एश तथा यूरिया और अपलाटॉक्सिन जांच करने की व्यवस्था है. साल 2023-24 में कुल 130 (सितम्बर 2023 तक) नमूनों की जांच की जा रही है.
बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग की योजना
यह योजना अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के लिए है. जो समाज कल्याण विभाग से वित्तपोषित है. इसके तहत लाभार्थियों का चयन करके उन्हें पोल्ट्री फार्मिंग ट्रेड में तीन दिवसीय प्रशिक्षण निकट के पशुचिकित्सालय पर दिया जाता है. उन्हें 50 चूजों की एक इकाई खुलवायी जाती है. हर एक यूनिट में 3000 हजार रुपए मात्र का पैकेज व्यय आता है, जो पूरी तरह से सरकार मदद पर है. पैकेज के तहत 50 चूजे, पोल्ट्री फीड, दवा, छप्पर की व्यवस्था, ट्रेनिंग और चूजों का लाभार्थी के द्वार तक यातायात को शामिल किया गया है.
यूनिट खोलने का किया था फैसला
सरकार की ओर से गया था कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 16 हजार 666 यूनिट खोला जाएगा. इसका मतलब है कि हर जिले में 200 कुक्कुट इकाई) खोली जाएगी. सरकार ने कहा था कि श्रवस्ती, सिद्वर्भानगर, सोनभद्र, बहराइच, बलरामपुर, फतेहपुर, चन्दौली) एवं जनपद गोरखपुर में 400 यूनिट प्रति जनपद तथा जनपद बरेली में 266 इकाईयां स्थापित की जायेगी. जिसके माध्यम से अनूसूचित जाति के निर्धन/गरीब लाभार्थियों के लिये रोजगार सृजन किया गया.