Poultry Feed: जीरो कास्ट पर तैयार करें मुर्गियों के लिए हाई प्रोटीन फीड, खाने से वजन और अंडा उत्पादन बढ़ेगा

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प्रतीकात्मक

नई दिल्ली. जीरो खर्चे पर मुर्गी घर में रहकर देसी मुर्गी पालन किया जा सकता है. वह भी घर का खाना खिलाकर. इसके लिए आपको ज्यादा खर्च करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. अगर आप मुर्गी पालक हैं तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें. यदि आप देसी मुर्गी पालन कर रहे हैं तब तो यह आर्टिकल आपके बेहद ही काम का है. यहां हम आपको बताएंगे कि कैसे घर के वेस्ट से आप मुर्गियों के लिए हाई प्रोटीन फीड तैयार कर सकते हैं. जिस पर आपको कोई कास्ट भी नहीं लगेगी, तो लिए इस बारे में डिटेल से जानते हैं.

हो सकता है कि आपके दिमाग में यह सवाल आ रहा हो कि यह कैसे संभव है? तो आपको बता दें कि घर मं ऐसा बहुत सा समान होता है, जो हमारे किचन से निकलता है और हम सभी इसे बाहर फेंक देते हैं. हालांकि इन्हीं सामानों से हम मुर्गियों के लिए हाई प्रोटीन फीड बना सकते हैं.

इन सामानों से तैयार करें फीड
आमतौर पर लोगों के घरों में चावल बच ही जाता है. ऐसा कोई घर नहीं है जहां पर चावल न बचे. अगर चावल बच गया है तो उसे फेंकने की जरूरत नहीं है. आप चावल से मुर्गियों के लिए हाई प्रोटीन फीड तैयार कर सकते हैं. इसके लिए आपको चावल एक बड़े बर्तन में फैलाना होता हालांकि इससे पहले चावल को थोड़े से पानी में भिगाना भी होगा. फिर उसमें छोटे-छोटे साइज में हरे पत्ते को काटकर डाल देना है. इसके लिए आप खेत से कोई भी हरा चारा ला सकते हैं. इसके अलावा इसमें तरबूज का छिलका और दूसरे फलों का छिलका भी इस्तेमाल कर सकते हैं. आप चाहें तो इसमें उबले हुए आलू भी शामिल कर सकते हैं. इसके अलावा इसमें मुर्गियों का थोड़ा बहुत दाना भी मिला सकते हैं. हालांकि ये आप पर निर्भर करता है कि दाना मिलाना है कि नहीं.

मुर्गियों का उत्पादन बढ़ जाएगा
वहीं सब्जियों के वेस्ट पत्तों का इस्तेमाल करें और फिर इसके अंदर धान का छिलका भी एड करना है. वहीं जिस बर्तन में चावल रखा था, उसमें से बचा हुआ थोड़ा सा पानी इसके अंदर डालना है. इन सब चीजों को मिलने के बाद अच्छी तरीके से मिला देना है. आप आधा किलो से कम चावल में और बाकी चीजों को थोड़—थोड़ा मिक्स करके 20 से 30 मुर्गियों के लिए आसानी बेहतरीन फीड तैयार कर सकते हैं. वहीं इस फीड को खाने के बाद मुर्गियों का वजन भी तेजी के साथ बढ़ जाएगा. उन्हें भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिलेगा. मुर्गियों की तमाम जरूरतें पूरी होंगी. अंडा देने वाली मुर्गियों का अंडा उत्पादन भी बढ़ेगा.

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