Poultry Farming News: बारिश में मुर्गी पालन के दौरान आती है ये दिक्कतें, जानें परेशानियों का उपाय भी

रोगी पक्षियों के पंख बिखरे-बिखरे व लटके रहते हैं और कॉम्ब पर पीलापन नजर आता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. बारिश एक ऐसा सीजन है, जिससे न सिर्फ पशु परेशान होते हैं. बल्कि इस दौरान मुर्गियां भी परेशान होती हैं. उन्हें कई बीमारियों का खतरा रहता है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (Department of Animal and Fisheries Resources)  बिहार सरकार (Bihar Government) की मानें तो बारिश के दिनों में मुर्गियों को बीमारी का खतरा रहता है. इन दिनों नमी और गंदगी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. जबकि चारा भी खराब हो जाता है. यह सारी चीज मुर्गी पालन में दिक्कतें पैदा करती हैं. जिससे उत्पादन प्रभावित होता है और मुर्गियों में मृत्यु दर भी दिखाई देती है.

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार के एक्सपर्ट की मानें तो इन समस्याओं से बचने के लिए बेहतर तरीके से शेड प्रबंधन करना चाहिए. मुर्गी के शेड में साफ सफाई की व्यवस्था अच्छी तरह से करनी चाहिए. तभी आप बीमारियों से उन्हें बचा पाएंगे, साथ ही आप मुर्गियों में मृत्युदर भी रोक पाएंगे.

फफूंद से क्या है नुकसान
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से कहा गया है कि बरसात के मौसम में मुर्गी के दाने में प्रयुक्त होने वाली वस्तुओं जैसे मूंगफली की खली तथा मक्का आदि में फफूँद (फंगस) हो जाती है.

फफूंद से एक जहरीली चीज निकलती है जिसे एफलाटोक्सिन कहते हैं. इससे प्रभावित दानों के प्रयोग से मुर्गी की मृत्यु तक हो जाती है.

इसके बचाव के लिए आवश्यक है कि दाना बनाने के लिए हमेशा सूखा तथा अच्छा अनाज ही खरीदें.

एक बार बनाया दाना दस दिन के अन्दर अवश्य इस्तेमाल में ले आयें.

ज्यादा दिनों तक अगर आप चारा रखते हैं तो फफूंद का खतरा बढ़ जाएगा. जब फफूंद लगेगी तो फिर मुर्गियों को परेशानी होगी.

मुर्गी फार्म को सूखा रखें
मुर्गियों के लिए बनाए गए फार्म को सूखा रखना चाहिए. क्योंकि नमी के कारण मुर्गियों को दिक्कतें हो सकती हैं. हो सकता है मुर्गियां बीमार हो जाएं.

मुर्गियों के लिए लिटर को साफ और सूखा रखने के लिए उन्हें उलटते पलटते रहना चाहिए.

निष्कर्ष
अगर आप बारिश के दिनों शेड को सूखा रखते हैं और चारा फफूंद रहित रखते हैं तो फिर मुर्गियों को बीमारी से बचा सकते हैं.

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