नई दिल्ली. आजकल मुर्गी पालन के साथ ही लोग कई और प्रजातियों के पक्षियों को भी पाल रहे हैं. अगर आपके पास पर्याप्त स्थान है और अच्छी इनकम लेना चाहते हैं, तो ईमू का पालन भी कर सकते हैं. ईमू अपने मांस, अंडे, तेल, पंख और स्क्रीन के लिए पाला जाता है. इसका मूल्य भी अधिक है. आजकल ईमू सभी जगहों पर पाल सकते हैं. आस्ट्रेलिया व चीन के अलावा ईमू आजकल इंडिया में भी पाला जा रहा है. हाल में आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में सबसे अधिक इसका पालन किया जा रहा है. वैसे तो ईमू को रेटायटी ग्रुप में माना जाता है. इस ग्रुप में पक्षियों के पंखों का विकास कम होता है. ईमू विश्व का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा पक्षी है. यह ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय पक्षी है.
ईमू की गर्दन लंबी, सिर छोटा, पूरे शरीर पर छोटे-छोटे पंख होते हैं. एक बेस्ट ईमू की ऊंचाई 6 फीट और वजन करीब 45 से 60 किलो का हो सकता है. ईमू की उम्र लगभग 25 से 35 साल होती है. यह 16 साल तक अंडे देने वाला पक्षी है. जो मादा पक्षी है वह बहुत मजबूत होती है. नर पक्षी अंडे देने का काम करते हैं. ये 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलता है और यह खाने और पानी की तलाश में दूर तक जा सकता है.
ईमू के बच्चे को कैसे रखें: ईमू के बच्चे का वजन करीब साढ़े तीन से साढ़े चार किलो ग्राम तक होता है. मुर्गियों के बच्चों की तरह ईमू के बच्चों को भी ब्रडिंग की जरूरत होती है. तीन सप्ताह की अवधि तक चीजों को ब्रूडर में रखना चाहिए. एक चूजे को रखने के लिए करीब चार फीट का स्थान चाहिए. शुरू में ब्रूडिंग का जो टेंपरेचर है वह 90 डिग्री फारेनहाइट होना चाहिए. 10 दिनों के बाद 95 डिग्री फारेनहाइट रखना चाहिए.
अलग रखें नर और मादा: सेक्सिंग के माध्यम से से नर और मादा को अलग-अलग करना चाहिए. जैसे जैसे चूजे बढ़ने लगते हैं और वैसे उनका फूड बदल देना चाहिए. 8 महीने तक ग्रोवर को ग्रोवर मैश खिलाना चाहिए और 10 फीसदी हरे चारे को शामिल करना जरूरी है, जिससे वजन में बढ़ोतरी हो सके.
बाजार में कब होता है बेचने लायक: ईमू 8 महीने से 18 महीने तक बाजार में बेचने के लिए तैयार हो जाता है. ईमू का पालन खुली जगह पर करना चाहिए.
ब्रीडिंग अवस्था में कैसे रखें: ईमू को नॉर्मल एक दिन में करीब एक किलोग्राम तक खाने की जरूरत होती है. लगभग ढाई साल की उम्र में अक्टूबर से फरवरी महीने के बीच में ये अंडा देता है. ईमू के अंडे का वेट 500 से 600 ग्राम का होता है और यह हरे रंग के होते हैं.
इंफेक्शन से बचाव: ईमू वैसे तो लंबी उम्र के होते हैं. लेकिन बच्चों में कुपोषण कोलाई इनफेक्शन, ऑब्स्ट्रक्शन इन्फेक्शन हो सकते हैं. इन सब का कारण होता है कि उनकी ब्रूडिंग सही से नहीं होती है, भोजन की कमी और रखरखाव की कमी हो सकती है. इन्हें टेपवर्म की दवाई देना जरूरी होता है. अपने यहां रानीखेत बीमारी हो सकती है, जिसकी रोकथाम के लिए चौथे सप्ताह में पहला, 15 सप्ताह में दूसरा और 40 सप्ताह में तीसरा टीका देना चाहिए.












