RAJUVAS: डायग्नोसिस होकर समय पर पशुओं को मिल जाए इलाज तो बचा सकते हैं संक्रामक बीमारियों से

RAJUVAS: If animals are diagnosed and treated on time, they can be saved from infectious diseases.

कॉलेज में आयोजित सेमिनार में बोलते रजवास के कुलपति

नई दिल्ली. वेटरनरी कॉलेज, बीकानेर के एपेक्स सेंटर द्वारा “पशुओं व मुर्गियों में रोग निदान” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को शुरू हुआ. उद्घाटन सत्र को संबोंधित करते हुए मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि पशुचिकित्सकों को विभिन्न संक्रामक बीमारियों के रोग निदान का पूर्ण ज्ञान होना बहुत आवश्यक है. पशुओं में संक्रामक रोग बहुत तेजी से फैलते हैं. अगर समय पर रोग निदान या डायग्नोसिस हो जाये तो उपयुक्त इलाज द्वारा संक्रमण को नियंत्रण कर सकते है. रोग संक्रमण के नियंत्रण से न केवल पशुओं की मृत्यु दर पर नियंत्रण कर सकते हैं अपितु पशुपालकों को आर्थिक नुकसान से भी बचाया जा सकता है.

कार्यक्रम में बताया कि पशुचिकित्सकों को पशुओं में टीकाकरण को एक अभियान के रूप में अपनाकर संक्रामक बीमारियों को खत्म करने में अपना योगदान देना चाहिए. प्रशिक्षण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. हेमन्त दाधीच ने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से पशुचिकित्सकों को पोस्टमार्टम के आधार पर पशुओं में रोग-निदान के विभिन्न तरीकों को समझने का मौका मिलेगा जो कि रोग नियंत्रण में सहायक सिद्ध होगा.

ब्लड सैंपल भेजने के तरीकों का पता चल सकेगा
विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त निदेशक डॉ. शुचिस्मिता चटर्जी ने कहा कि पशुचिकित्सकों को प्रशिक्षण के माध्यम से रोग ग्रस्त पशुुओं के रक्त, पेशाब, गोबर आदि नमूने प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिए भेजने के तरीकों को समझने का मौका मिलेगा, ताकि रोगग्रस्त पशुओं को उचित ईलाज मिल सके. प्रशिक्षण समन्वयक एवं प्रभारी अधिकारी एपेक्स सेंटर डॉ. जे.पी. कछावा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस तीन दिवसिय प्रशिक्षण में बीकानेर, चूरू, श्रीगगांनगर एवं हनुमानगढ़ जिले में कार्यरत 24 पशुचिकित्सक प्रशिक्षण ले रहे हैं.प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान निदेशक मानव संसाधन विकास प्रो. बी.एन. श्रृंगी, डॉ. तरुणा भाटी, डॉ. राजकुमार एवं स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन डॉ. बसन्त ने किया.

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