नई दिल्ली. हमारे देश में बड़े पैमाने पर पशुपालन का काम किया जा रहा है. इस बिजनेस में आज युवाओं का रुख बढ़ रहा है. बिजनेस के नजरिए से आज पशुपालन में दुधारू पशु की डिमांड काफी बढ़ी है. कमाई के लिए डेयरी फार्म बेहतर बिजनेस है. मंदसौर जिले के पशुपालक राकेश गोवरधनलाल की गिर गाय ने 21 लीटर दूध देकर जिले में पहला स्थान जीता और प्रथम पुरस्कार भी. इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बता रहे हैं कि गिर गाय की क्या क्या खासियतें हैं और आप कैसे इस गाय को पाल सकते हैं. इसके दूध की बहुत सारी अच्छी क्वालिटी हैं.
गिर गाय कई विदेशी नस्ल की गायों के मुताबिक भले ही कम दूध देती है. लेकिन देशी नस्ल से मुकाबला किया जाए तो ये दूध देने के मामले में बहुत अच्छी नस्ल है. बच्चों की गिर गाय का दूध बच्चों के दिमाग को तेज करने में भी अच्छा होता है. जबकि गिर दूध में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अन्य पशुओं के दूध से बेहतर होती है. इसका सेवन करने वालों को बीमारी का खतरा भी नहीं होता है. गिर गाय एक दिन में 15 से 20 लीटर तक दूध देती है और डेयरी फार्मिंग के लिए ये गाय की ये नस्ल बेहद फायदेमंद मानी जाती है.
गिर गाय के दूध की खासियत: अक्सर लोगों का सवाल होता है कि गिर गाय के दूध में फैट कितना पाया जाता है. गाय एक्सपर्ट इस सवाल पर जवाब देते हैं कि गिर गाय के दूध में 4.5 से 6 प्रतिशत तक फैट मौजूद होता है. कुछ का मानना है, कि गिर गाय के दूध में कैंसर से लड़ने वाले भी तत्व पाए जाते हैं. इस दूध का सेवन शरीर में कैंसर को पैदा होने से रोकने में मदद कता है. गिर गाय एक दिन में 30 से 80 लीटर तक दूध देने की क्षमता होती है.
प्रोटीन से भरपूर होता है दूध: गिर गाय के एक्सपर्ट के मुताबिक गिर गाय के दूध में 8 प्रकार के प्रोटीन, 6 तरह के विटामिन, 21 तरह के एमिनो एसिड, 11 तरह के चर्बीयुक्त एसिड, 25 तरह के खनिज तत्व, 16 तरह के नाइट्रोजन यौगिक, 4 तरह के फास्फोरस यौगिक, 2 तरह की शर्करा पाई जाती है. जबकि गिर के दूध में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो मानव शरीर के लिए फायदेमंद होता है. इतना ही नहीं गिर गाय के दूध में 97 प्रतिशत ए2 प्रोटीन भी पाया जाता है. जबकि कई खतरनाक रोगों से बचाव करने में गिर गाय का दूध मदद करता है.