PhD: यहां खाली रह जाएंगी पीएचडी की सीटें, पढ़ें क्या है मामला

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की पौने चार सौ से ज्यादा पीएचडी सीटें खाली रह जाएंगी. इनमें 300 से ज्यादा सीटें नॉन डीईटी प्रक्रिया में शामिल 25 विषयों की हैं, जबकि इंजीनयरिंग के 13 विषयों की भी 75 के आसपास सीटें खाली रह जाएंगी. क्योंकि ज्यादातर अभ्यर्थी नेट क्वालिफाई नहीं कर पा रहे हैं. इस कारण पीएचडी के लिए आवेदन ही कम आ रहे हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है कि नॉन डीईटी में शामिल कॉमर्स विषय की 125 सीटों पर सिर्फ 30 शोधार्थी इंटरव्यू के लिए पहुंचना था, उसमें भी सिर्फ 15 पहुंचे.

मैनजमेंट के इंटरव्यू अभी नहीं हुए हैं, लेकिन 282 सीटों पर इंटरव्यू के लिए सिर्फ 100 शोधार्थी बुलाए गए हैं. ऐसे में यह तय है कि 182 सीटें तो खाली रहेंगी ही. यही नहीं इंजीनियरिंग के 13 विषयों की 111 सीटों के लिए 51 शोधार्थियों को पहुंचना था, उनमें भी 15 फीसदी कम पहुंचे. यहां भी 70 के करीब सीटें खाली रह जाएंगी.

कुछ जगह सीटों से ज्यादा दावेदार
इसके अलावा नॉन डीईटी के 15 विषय ऐसे हैं, जिनमें सीटों की तुलना में शोधार्थी कम हैं. नॉन डीईटी की कुल 582 में से 305 सीटें खाली रहने की स्थिति बन रही है.

कई शिक्षाविद् सवाल उठा रहे हैं कि नॉन डीईटी में शामिल उन विषयों के अभ्यर्थियों का क्या होगा, जिनमें इस साल सीटों से कई गुना ज्यादा दावेदार हैं.

क्या अगली बार भी उन्हें मौका व मिल पाएगा? सबसे ज्यादा चिंता पॉलिटिकल साइंस विषय के अभ्यर्थियों को है, क्योंकि म उसमें इस बार जीरो सीट के प्र लिए रिकॉर्ड 125 उम्मीदवार स दावेदार हैं.

यह सभी छात्रों ने नेट क्वालिफाई जून में हुई नेट का रिजल्ट जारी हो चुका है। इसमें जो भी अभ्यर्थी पास हुए हैं, उन्हें दिसंबर में होने वाली पीएचडी एडमिशन प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिलेगा.

इसके साथ ही दिसंबर 2024 में हुई नेट के अभ्यर्थी भी इस में शामिल हो सकेंगे, क्योंकि नेट क्लियर करने वाले अभ्यर्थियोंके लिए पीएचडी एडमिशन की वैधता एक साल की होती है.

पीएचडी सेल प्रभारी डॉ. अशेष तिवारी के अनुसार अगली पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया दिवाली बाद संभवतः नवंबर में शुरू करेंगे.

इंजीनियरिंग के 13 विषयों के लिए प्रवेश परीक्षा होगी, जबकि नॉन डीईटी में शामिल 25 से ज्यादा विषयों में नेटआधार पर ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.

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