नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गायों से प्रेम जग जाहिर है. इसी कड़ी में उन्होंने हाल ही में निर्देश दिया है कि यूपी में सरकारी ऑफिसों की इमारत को अब साधारण पेंट से ना रंगकर गाय के गोबर से बने पेंट से रंगा जाए. इस संबंध में योगी आदित्यनाथ ने पशुपालन और दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक में दिशा निर्देश जारी किया है. सीएम के निर्देश के बाद सरकारी भवनों में गोबर से बने प्राकृतिक पेंट का इस्तेमाल किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गोशालाओं में मौजूद गोबर के बेहतर इस्तेमाल के लिए प्राकृतिक पेंट को बढ़ावा देने की बात कही गई है.
सरकार के मुखिया ने निर्देशित किया है कि गो आधारित उत्पादों के निर्माण के लिए ठोस रणनीति बनाई जाए. गाय के गोबर से पेंट बनाने के प्लांट्स को बढ़ावा देने की बात कही गई है.
गोबर से बने पेंट की खासियत क्या है
मीडिया रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से खबर छपी है कि गोबर से तैयार किया गया प्राकृतिक पेंट पूरी तरह से जैविक होता है. ये न सिर्फ पर्यावरण के लिए अनुकूल है. बल्कि दीवारों को सुंदर लुक देने में भी कारगर है. वहीं इसमें रसायनों का इस्तेमाल नहीं होता है. जिस वजह से हैल्थ को भी यह ठीक रखता है. इसे बनाने में ऊर्जा की खपत कम होती है और लागत भी पारंपरिक पेंट से कम आती है. यही वजह है कि सीएम ने महिला स्वयं सहायता समूह की भागीदारी को सराहते हुए गोबर से खाद पेंट और अन्य उत्पादों का निर्माण कर महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने का निर्देश दिया है. बताते चलें कि बरेली जिले में इफ्को आंवला के सहयोग से गोबर और गोमूत्र से जैविक उत्पादों के उत्पादन के प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जा रहे हैं.
क्या होगा गोबर से पेंट बनाने से फायदा
गौरतलब है कि यूपी में 7693 गौशालाएं हैं. जहां 10 लाख से ज्यादा गोवंश संरक्षित किए गए हैं. इसको बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए सीसीटीवी कैमरा से निगरानी की जा रही है. वहीं गर्मी के दिनों में केयरटेकर की समय से तैनाती, वेतन भुगतान, भूसा बैंक की स्थापना हरे चारे की उपलब्धता और पशु चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निर्देश सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से दिया गया है. सरकारी अधिकारियों ने मीडिया रिपोर्ट में दावा किया है कि गाय की गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने पर गाय पालन को बढ़ावा मिलेगा. इससे बेसहारा घूम रही गायों की संख्या पर भी लगाम लग सकेगी.