नई दिल्ली. इनकम बढ़ाने के लिए पशुपालन एक अच्छा बिजनेस है. पशुओं से अच्छा उत्पादन और उनकी अच्छी हेल्थ के लिए कई बातों का ख्याल रखना होता है. अगर पशुओं का ध्यान नहीं रखा गया तो न तो अच्छा उत्पादन मिलता है और उनकी हेल्थ भी अच्छी रहती है. इसलिए एक्सपर्ट कहते हैं कि पशुओं का मौसम के लिहाज से भी ध्यान देना चाहिए. मौसम के हिसाब से किस तरह का आहार देना चाहिए, उनका आवास प्रबंधन कैसा हो, इन तमाम बातों पर पशुपालकों को गौर करना चाहिए. इससे पशुपालन में फायदा और बढ़ जाता है.
अगर पशुपालन इन बातों के बारे में नहीं जानता है तो वह एक्सपर्ट से सलाह लेकर पशुओं का ख्याल रख सकता है. गर्मी में पशुओं को तनाव न हो इसके लिए आवास में कई व्यवस्था की जाती है. इसी तरह से चारा पानी देने में भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि किस तरह से पशुओं का आहार प्रबंधन गर्मियों में किया जाए, ताकि पशुओं का उत्पादन कम न हो.
ठंडी जगह पर रखें पानीः चारा और पानी देने वाले बर्तनों को ठंडी/छायादार जगहों पर रखना चाहिए. उच्च गुणवत्ता वाला पोषण आहार में हरे चारे के साथ-साथ, सुनिश्चित करें कि जानवरों को उच्च गुणवत्ता वाला चारा मिले. पशुओं के आहर में संतुलित सांद्रण, अनाज और पूरक शामिल किया जाना चाहिए. जरूरी पोषण के लिए गर्मी के तनाव के खिलाफ उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली और लचीलेपन का समर्थन करता है.
स्प्लिट फीडिंग: फीडिंग और शिफ्ट फीडिंग की आवृत्ति बढ़ाकर स्प्लिट फीडिंग को प्रोत्साहित करें. दिन के कुछ ठंडे हिस्सों में भोजन करें और अत्यधिक चयापचय गर्मी से बचने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले भोजन का चयन करें.
ऊर्जा आहार: उच्च ऊर्जा आहार दिन के सबसे ठंडे हिस्से में अच्छी तरह से पूरा किया जाना चाहिए.
चराई का समय: चराई के घंटों को सुबह जल्दी और देर शाम तक समायोजित करें. इन कूलर के दौरान समय-समय पर, जानवर अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आए बिना चारा ढूंढ सकते हैं.
इलेक्ट्रोलाइट्स करें शामिलः जानवरों के आहार में इलेक्ट्रोलाइट्स शामिल करें और पोषक तत्वों से भरपूर चारा प्रदान करें. इससे पशुओं को फायदा होगा.
पीने का पानी: गैर-धातु वाले पानी के कंटेनरों का उपयोग करें और स्वच्छ और ठंडा (लेकिन ठंडा नहीं) प्रदान करें. सामान्य आवश्यकता से दोगुना पानी पीने के लिए देें. अगर पानी कम पीएंगे तो उन्हें दिक्कतें होंगी. इसलिए जरूरी है पशुओं को ठंडा और साफ पानी जरूरत के मुताबिक दिया जाए.