Animal News: हरियाणा में लंपी वायरस से 6 दुधारू पशुओं की मौत, राजस्थान में भी वायरस की दस्तक

डगरी' गाय की इस नई नस्ल का रंग या तो पूर्ण रूप से सफेद होता है अथवा सफेद रंग के साथ आगे और पीछे के पैरों पर भूरे रंग के धब्बे होते हैं.

डगरी गाय का प्रतीकात्मक फोटो।

नई दिल्ली. हरियाणा और राजस्थान में लंपी वायरस ने अपनी दस्तक दे दी है. हरियाणा में तो पशुओं की मौत होना भी शुरू हो गई है. इस लाइलाज बीमारी की वजह से हरियाणा के चरखी दादरी में छह दुधारू पशुओं की मौत हो गई है. वहीं 10 गांव में पशु इस वायरस की चपेट में आ गए हैं. आने वाले समय में अन्य पशुओं की मौत भी हो सकती है. वहीं दूसरी ओर राजस्थान के बाड़मेर जिले के कुछ इलाकों में गोवंश में संक्रमण के बाद जिले के बालसमंद से सटी राजस्थान की भादरा तहसील के कई गांवों में गोवंश लंपी वायूरस की चपेट में है.

हिसार से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर संक्रमण के केसे मिलने से इस वायरस के हरियाणा में भी फैलने की आशंका जताई जा रही है. भादरा के गांव, बीरान, मुंसरी, सूरतपुरा, छानीबड़ी समेत कई गांवों में लंपी वायसर के संक्रमण अकस मिले हैं.

कहां 10 गांवों में है असर
हरियाणा के झोझू कलां खंड के करीब 10 गांव के पशुओं को इस बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया है. गांव के लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से उनको कोई मदद नहीं मिल रही है.

वहीं मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रशासन को इसकी खबर भी नहीं है. पशु पालन विभाग के अनुसार यह बीमारी एक से दूसरे पशु में फैलती है, इसलिए ये बेहद ही गंभीर बीमारी है.

पशु पालन विभाग के मुताबिक लंपी बीमारी के दौरान एंटीबॉयोटिक, बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल और एंटी एलर्जिक दवाइयां दी जानी चाहिए.

लंपी के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत पशु चिकित्सक को इसकी सूचना देकर उपचार करवाना चाहिए. फिलहाल यह बीमारी काफी कम पशुओं में है.

पशु चिकित्सकों का कहना है कि अनुसार इस बीमारी की कोई दवा नहीं है. लेकिन कुछ देशी उपचार व बचाव संभव है.

इस बीमारी में संक्रमित पशुओं को नीम के पानी से नहलाने से गांठे और फफोले ठीक हो सकते हैं.

इसके अलावा पशु बाड़े में गूगल, कपूर और नीम की सूखी पत्तियों को आग लगाकर उनका धुआं करने से संक्रमण का प्रसार रुकता है. संक्रमित पशुओं को पौष्टिक आहार खिलाकर इम्युनिटी बढ़ाएं.

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