Government Scheme: पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार उठा रही है कौन से कदम, जानें यहां

पशु एक्सपर्ट कहते हैं कि खीस पिलाने के बाद दूसरा नंबर आता है बछिया को उचित पोषण देने का. इसके लिए आहार के साथ ही साफ पानी भी उचित मात्रा में देना चाहिए.

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. सरकारें इस बात को समझ चुकी हैं कि पशुपालन को बढ़ावा देना बेहद ही जरूरी है. क्योंकि पशुपालन से किसानों की इनकम को दोगुना किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि वह किसनों की इनकम को डबल करेंगे. इसी प्रयास में केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकारें पशुपालन को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि सरकारों की ये कोशिश सही भी है. क्योंकि पशुपालन से न सिर्फ किसानों की आय दोगुनी होगी. बल्कि पशुओं से मिलने वाला प्रोटीन भी आम इंसानों को मिलेगा. पशुओं के मीट में ऐसी कई चीजें होती हैं जो इंसानों शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं.

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी पशुपालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है. इससे प्रदेश दूध उत्पादन में आगे निकलता चला जा रहा है. यूपी दूध उत्पादन के मामले में सभी राज्यों से काफी आगे है और देश को दुनिया में नंबर वन दूध उत्पादक देश बनाने में राज्य की बड़ी भूमिका है. उत्तर प्रदेश सरकार कई योजनाएं चल रही है. जिसके जरिए पशुपालन को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है. आइए इस के बारे में जानते हैं.

क्या कर रही है सरकार, जानें यहां
सरकार सभी विभागीय कार्यक्रमों के लक्ष्यों की शत प्रतिशत पूर्ति तथा उसमें गुणात्मक सुधार लाये जाने पर जोर दे रही है. सरकार सकामक रोगों पर नियंत्रण के लिए सघन वैक्सीनेशन करने का काम कर रही है. इसके लिए पशु चिकित्सा सेवाओं का विस्तार भी किया जा रहा है. पशुओं क्यों उत्पादन कम कर रहे हैं इसको पता लगाने के लिए निवारण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. कत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देने काम सरकार की ओर से किया जा रहा है. इतना ही नहीं सूकर एवं भेड़, बकरी पालन को बढ़ावा देकर गरीब ग्रामीणों का आर्थिक उत्थान करना सरकार का मकसद है. इससे स्वरोजगार के अवसर भी पैदा करना लक्ष्य है.

क्या है सरकार का टारगेट
सरकार ने आने वाले समय में दुधारू पशुओं की तस्करी को रोकने में जिला प्रशासन को सहयोग करने का निर्देश दिया है. अवैध कत्लखानों को पूरी सख्ती से बन्द किये जाने हेतु नगर निगम विभाग को निर्देश दिया गया है. फसलों की क्षति को रोकने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर भूमि आरक्षित कर गोवंश संरक्षण की योजना चलाई जा रही हैं. प्रदेश में भूमिहीन कृषि मजदूरों को गोधन योजना अन्तर्गत गाय व अन्य दुधारू पशु उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है. किसानों की आय को दोगुना किये जाने में पशुपालन की अहम भूमिका के दृष्टिगत सहयोग किया जा रहा है.

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