नई दिल्ली. लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (LUVAS), हिसार, हरियाणा को एक स्थायी कुलपति मिल गया है. 1 और 2 अगस्त, 2025 को चंडीगढ़ में आयोजित विश्वविद्यालय की 33वीं उच्चस्तरीय प्रबंधन बोर्ड की बैठक में लिए गए सर्वसम्मति से निर्णय के अनुसार, पशु चिकित्सा औषध विज्ञान विभाग के पूर्व प्रमुख, प्रधान वैज्ञानिक (सेवानिवृत्त) और लुवास के पूर्व कुलपति, प्रो. डॉ. विनोद कुमार वर्मा को विश्वविद्यालय का स्थायी कुलपति नियुक्त किया गया है. डॉ. विनोद कुमार वर्मा ने 1993 में एक सहायक प्रोफेसर के रूप में विश्वविद्यालय में अपनी शैक्षणिक यात्रा शुरू की। उन्हें 2009 में प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत किया गया और उन्होंने 2014 से 2022 तक पशु चिकित्सा औषध विज्ञान विभाग के प्रमुख के रूप में कार्य किया.
डॉ. वर्मा अपने साथ व्यापक प्रशासनिक अनुभव लेकर आए हैं और उन्हें विभिन्न पदों पर 30 वर्षों से अधिक का शैक्षणिक, शोध और विस्तार का अनुभव है. डॉ. वर्मा का जन्म हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के भूषणकलां गाँव में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गाँव के सरकारी स्कूल में पूरी की, उसके बाद नारनौल में माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा हासिल की है. उन्होंने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU), हिसार से पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान में B.V.Sc. और M.V.Sc. की उपाधियाँ प्राप्त कीं. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सफलतापूर्वक अपनी पीएचडी पूरी की.
क्या है उनका प्लान
अपनी नियुक्ति पर, डॉ. वर्मा ने कहा कि उनकी प्राथमिकता LUVAS को देश के प्रमुख पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों में से एक बनाना होगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि टीम वर्क की भावना के साथ, विश्वविद्यालय को अनुसंधान, नवाचार और उत्कृष्टता के केंद्र में बदलने के प्रयास किए जाएंगे.
मुख्य फोकस क्षेत्रों में विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार, शैक्षणिक और प्रशासनिक डिजिटलीकरण, उन्नत शोध परियोजनाओं को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना शामिल होगा.
डॉ. वर्मा ने आगे कहा कि नए प्रशिक्षण कार्यक्रमों, तकनीकी सहायता और क्षेत्रीय आउटरीच पहलों के माध्यम से पशुपालकों की आय दोगुनी करने के लिए समर्पित प्रयास किए जाएंगे ताकि पशु चिकित्सा सेवाएं जमीनी स्तर तक पहुंचें.
पशुओं के उपचार के लिए नई हर्बल दवाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिसका उद्देश्य दवा प्रतिरोध को कम करना और सुरक्षित, दीर्घकालिक स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देना है.
उन्होंने आगे कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस मुद्दे को प्राथमिकता दी है और LUVAS इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाएगा.
डॉ. वर्मा ने यह भी आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय के नए परिसर का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा.
उन्होंने सभी संकाय सदस्यों, कर्मचारियों, छात्रों और शोधकर्ताओं से LUVAS को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त उत्कृष्ट संस्थान बनाने में सहयोग करने की अपील की.
LUVAS शिक्षक संघ ने अपने अध्यक्ष डॉ. अशोक मलिक के नेतृत्व में कई संकाय सदस्यों और कर्मचारियों के साथ डॉ. वर्मा को उनकी नियुक्ति पर बधाई दी और विश्वास व्यक्त किया कि उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय नई ऊँचाइयों को प्राप्त करेगा.
उन्होंने डॉ. वर्मा के शैक्षणिक, शोध और प्रशासनिक अनुभव की सराहना की और कहा कि उनके कुशल मार्गदर्शन से परिसर में एक अधिक सकारात्मक, समावेशी और विकासोन्मुखी वातावरण का निर्माण होगा.
गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने भी डॉ. वर्मा में अपना विश्वास व्यक्त किया और उनकी समावेशी नेतृत्व शैली तथा संवाद एवं सहयोग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की.
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उनके कार्यकाल से विश्वविद्यालय की प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, दक्षता और समता बढ़ेगी, जिससे सभी के लिए समान अवसर और सम्मान सुनिश्चित होगा.
संकाय और कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से डॉ. वर्मा के नेतृत्व में ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ काम करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की, और एकता और प्रगतिशील दृष्टिकोण की भावना के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर LUVAS की प्रतिष्ठा को ऊँचा उठाने का प्रयास किया.