नई दिल्ली. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह (Meenesh C Shah) ने मोतिहारी में मदर डेयरी (Mother Dairy) के प्लांट के विस्तार का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अब यहां दही, छाछ, लस्सी, पनीर और मिष्ठी दोई बनेगी. इसके लिए 130 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा. शिलान्यास समारोह में कहा कि भारत विश्व दुग्ध उत्पादन में 25 फीसद योगदान के साथ विश्व का अग्रणी दूध उत्पादक है. राष्ट्रीय स्तर पर, बिहार पूर्वी भारत में शीर्ष दूध उत्पादक राज्यों में से एक है. इस दौरान सांसद राधामोहन सिंह, गन्ना उद्योग मंत्री कृष्णनंदन पासवान और राज्य विधान सभा के कई सदस्य मौजूद रहे.
उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों में बिहार में दूध उत्पादन में बहुत वृद्धि हुई है और एनडीडीबी तथा उसकी सहायक संस्थाएं राज्य के डेयरी विकास के लिए लगातार काम कर रही हैं. उन्होंने ‘बापुधाम दुग्ध उत्पादक संस्था’ की प्रगति को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया, जिसका गठन 2017 में माननीय संसद श्री राधा मोहन सिंह जी के मार्गदर्शन में किया गया था.
एनडीडीबी के अध्यक्ष ने क्या-क्या कहा
एनडीडीबी अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मदर डेयरी ने 2019 में मोतिहारी में एक आधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया, जिससे किसानों को सीधे बाज़ार तक पहुंच मिली और उपभोक्ताओं को सुरक्षित एवं उच्च गुणवत्ता दूध उपलब्ध हुआ. पिछले छह वर्षों में इस क्षेत्र ने सभी अपेक्षाओं से बढ़कर प्रदर्शन किया है.
उन्होंने कहा कि विस्तार की योजनाओं में इस संयंत्र की पैकिंग क्षमता को दोगुना कर 2 लाख लीटर प्रतिदिन करना, 55 मीट्रिक टन प्रसंस्करण क्षमता वाले फ़र्मेंटेड उत्पाद (दही, छाछ, लस्सी, पनीर, मिष्ठी दोई आदि) की सुविधा स्थापित करना और लगभग ₹130 करोड़ का निवेश करना शामिल है.
यह विस्तार मौजूदा परिसर के बगल में अतिरिक्त जमीन पर किया जाएगा और एक आधुनिक, भविष्य-उन्मुख डेयरी कॉम्प्लेक्स तैयार किया जाएगा.
डॉ. शाह ने कहा कि मोतिहारी और मुंगेर संयंत्रों के माध्यम से हजारों किसानों और उनके परिवारों की आमदनी बढ़ेगी, उन्हें भरोसेमंद बाजार और सही मूल्य मिलेगा.
साथ ही रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे. इस विस्तार के उद्देश्य सिर्फ दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों की मात्रा बढ़ाना नहीं हैं, बल्कि ग्रामीण समृद्धि, किसानों का सशक्तिकरण और जीवन स्तर में सुधार लाना भी है.
अंत में उन्होंने उपस्थित सभी अतिथियों, साझेदार संस्थाओं और संगठन के सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह परियोजना बिहार की डेयरी क्रांति को एक नया अध्याय लिखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
निष्कर्ष
एनडीडीबी के इस कदम से लोगों को अब बेहतरीन क्वालिटी की छाछ, लस्सी, पनीर और मिष्ठी दोई मिलेगी. वहीं इलाके में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे. जिसका फायदा बिहार के युवाओं को मिलेगा.