Animal Husbandry: इस राज्य में हाईटेक गौशालाओं में सौर ऊर्जा से बिजली बनेगी, पढ़ें ​सरकार का प्लान

बैठक में अहम बातों पर चर्चा करते मंत्री.

नई दिल्ली. मध्य प्रदेश सरकार राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई काम कर रही है. ताकि राज्य को मिल्क कैपिटल बनाया जा सके. वहीं इसके लिए गौपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके अलावा गौपालन से अन्य फायदे भी उठाने के लिए सरकार कोशिश कर रही है. पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार लखन पटेल ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में गी-संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य निरंतर किया जा रहा है. ताकि इसका फायदा राज्य और राज्य के किसानों को मिल सके.

उन्होंने बातया कि प्रदेश में गत 9 अप्रैल 2024 से 29 मार्च 2025 तक गो-संरक्षण वर्ष मनाया गया, जिसके अंतर्गत प्रदेश में गौ-संरक्षण एवं गो सेवा के कार्य किए गए. हमारी सरकार ने प्रदेश में स्वावलंबी गो-शालाएं बनाने का निर्णय लिया है.

ये सुविधाएं भी होंगी मौजूद
मध्यप्रदेश ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य है. ये गोशालाएं हाईटेक होंगी, जहां गायों की देखभाल के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं सहित जैविक खाद, सीएनजी गैस उत्पादन के साथ सौर ऊर्जा से बिजली भी बनाई जाएगी.

पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार पटेल ने सोमवार को मंत्रालय में आयोजित एक बैठक में विभागीय कार्यों की समीक्षा की.

बैठक में स्वावलंबी गौशालाओं की कार्ययोजना तथा दूध उत्पादन को 9 से बढ़ाकर 20 फीसदी करने के लक्ष्य सहित विभागीय प्रगति पर चर्चा हुई और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए.

पशुपालन राज्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसानों की आमदनी दोगुना करने में पशुपालन का विशेष स्थान है.

गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए पशुओं में नस्ल सुधार आवश्यक है. पशुपालन के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है.

हमारी सरकार द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना प्रारंभ की गई है.

सरकार गो-सेवा के क्षेत्र में गोपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए संस्थागत एवं व्यक्तिगत पुरस्कार भी दे रही है.

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