नई दिल्ली. पशुपालन और उसके जरिए दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार तमाम कोशिश कर रही है. मध्य प्रदेश में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना की समीक्षा की और कहा कि इस योजना के तहत हर एक चरण के संचालन में गंभीरता रखें. पात्र हितग्राही को योजना का लाभ दिया जाए. योजना के प्रभावी संचालन के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय करने की बात राज्यपाल की ओर से कही गई. विभागीय अधिकारी समय-समय पर हितग्राहियों से संवाद करें. उनके घर जाकर योजना से मिल रहे लाभों की वास्तविक जानकारी लें.
राज्यपाल ने कहा कि हितग्राहियों की कठिनाईयों को गंभीरतापूर्वक सुनकर समाधान करें. समीक्षा बैठक में राज्यपाल ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना की समीक्षा की और राजभवन के जवाहर खण्ड सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल भी मौजूद रहे.
क्या कहा राज्यपाल ने
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना अति पिछड़ी जनजातियों के कल्याण की महत्वाकांक्षी योजना है.
यह बैगा, भारिया और सहारिया जनजातियों के जीवन स्तर को बेहतर करने वाली योजना है.
पशुपालन विभाग पात्र और गरीब हितग्राहियों के लिए विशेष संवेदनशील रहे। उनके लिए हमेशा मदद के भाव के साथ काम करें.
राज्यपाल पटेल ने बैठक में मुख्यमंत्री दुधारू पशु योजना के विगत तीन वर्षों के क्रियान्वयन की विस्तृत समीक्षा की.
उन्होंने योजना के क्रियान्वयन से हितग्राहियों के जीवन स्तर में हुए सुधार की जानकारी ली. योजना के प्रगति प्रतिवेदन की समीक्षा के दौरान हितग्राही चयन, पशु प्रदाय, आय, लक्ष्य एवं पूर्ति संबंधी जरूरी निर्देश दिए.
पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल ने कहा कि योजना की सफलता के लिए सतत मॉनिटरिंग आवश्यक है.
विभाग इसके लिए आवश्यक व्यवस्था बनाएं। जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर ने योजना के तहत् हितग्राही को जरूरी प्रशिक्षण प्रदाय, पशु की देखभाल आदि पर चर्चा की.
पशुपालन एवं डेयरी प्रमुख सचिव श्री उमाकांत उमराव ने योजना की पात्रता, मूल्यांकन, आगामी लक्ष्य, प्रशिक्षण और प्रबंधन आदि बिन्दुओं पर जानकारी दी.