नई दिल्ली. भारत में पशुपालन का काम तेजी के साथ बढ़ रहा है. पशुपालन करके किसान अपनी इनकम को दोगुनी कर रहे हैं. क्योंकि सरकार भी चाहती है कि किसानों के पास खेती किसानी के अलावा एक और काम हो और उसके तौर पर सरकार किसानों को पशुपालन करने के लिए प्रेरित कर रही है. वहीं इससे ज्यादा से ज्यादा किसान पशुपालन के काम में आगे आ रहे हैं. इसके लिए बाकायदा तौर पर सरकार की तरफ से कई सारी योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. जिसकी मदद से किसान पशुपालन के काम में आगे आ रहे हैं और ढेरों मुनाफा कमा रहे हैं.
पशुपालन करने का सीधे तौर पर फायदा यह है कि इससे हर दिन दूध उत्पादन होता है और किसान इसे बेचकर हर दिन कमाई करते हैं. जबकि फसल का उत्पादन लेने के लिए तीन से चार महीने का लंबा इंतजार करना पड़ता है. वहीं देश भर में दूध की डिमांड दिन-ब-दिन बढ़ रही है. इस लिहाज से भी दूध उत्पादन बढ़ाना बेहद जरूरी है. हालांकि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने के मामले में अभी भी नंबर वन पोजीशन पर है, लेकिन प्रति पशु दूध उत्पादन के मामले में काफी पीछे है.
सरकार ने बताए सामान्य अधिकार
सरकार का मानना है कि पशुपालन करने के साथ-साथ पशुओं की देखभाल भी बेहद ही जरूरी है. उन्हें भी सही तरह से देखभाल का हक हासिल है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार की ओर से गव्य विकास निदेशालय पशुओं के कुछ सामान्य अधिकारों के बारे में जागरूक करते हुए फेसबुक पर पोस्ट किया है. जिसमें सरकार के गव्य निदेशालय की ओर से बताया गया है कि पशुओं के सामान्य अधिकार क्या हैं. अगर आप भी पशुपालक हैं तो फिर इन अधिकारों को जान लें, जो बेहद ही जरूरी है.
यहां पढ़ें क्या हैं अधिकार
सरकार की तरफ से कहा गया है कि पशुओं को पर्याप्त भोजन, पानी, स्थान, व्यायाम आदि से वंचित नहीं करना चाहिए. ये उनके सामान्य अधिकारों में से एक है.
जरूरत से कम जगह पर ज्यादा पशुओं को बांधकर नहीं रखना या ढुलाई नहीं करना चाहिए. इससे पशुओं को तकलीफ होती है.
सरकार ने पशु बलि भी नहीं देना की बात कही है. पशुओं और पक्षियों को जबरन आपस में लड़ाने से बचना चाहिए. क्योंकि अक्सर लोग ऐसा करते हैं.
बिहार सरकार ने बताया कि पक्षियों के घोंसला नहीं तोड़ना चाहिए. वहीं अंडों को बर्बाद नहीं करना चाहिए. साथ ही पेड़ की उन शाखाओं को नहीं काटना जिनपर घोंसले हों.