Animal Husbandry: नवजात बछड़े की गर्मी में कैसे करें देखभाल, इन 10 प्वाइंट्स में जानें पूरी डिटेल

PREGNANT COW,PASHUPALAN, ANIMAL HUSBANDRY

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुओं का लगभग हर उम्र और स्थिति में ख्याल रखना जरूरी होता है. इसी तरह पशु का प्रसव के दौरान और बच्चा देने के बाद भी ध्यान देना जरूरी होता है. प्रसव के बाद लगभग 5-6 घंटे के अन्दर पशु जेर डाल देता है. यह पशु की सामान्य प्रसव क्रिया और दशा पर निर्भर करता है, अन्यथा यह समय 8 घंटे भी हो सकता है. यदि पशु 8 घंटे तक जेर न डाले तो यह स्थिति जेर के रुकने की हो सकती है, इसके लिए कुछ उपाय भी किए जाते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसी स्थिति में गुड़ 750 ग्राम, अजवाइन 60 ग्राम सोंठ 15 ग्राम, मेथी 15 ग्राम को 1 लीटर पानी में मिलाकर दें. यदि 1 बार देने पर पशु जेर न डाले तो दोबारा ये सामग्री दी जा सकती है.

बास की हरी पत्ती को उबाल कर उसका काढ़ा भी दिया जाता है. यदि ये उपचार भी कारगर न हों तो पशु चिकित्सक की सहायता से हाथ द्वारा जेर को गर्भाशय से बाहर निकाला जा सकता है. ध्यान दें कि जेर को पशु से तुरन्त दूर कर दें पशु जेर को चाटने या खाने न पाये एवं जेर को दूर गढ़डे में दबा देना चाहिए.

इस बुखार से बचाएं: दुग्ध बुखार ज्यादातर दूध देने वाले पशुओं में होता है. पहली बार बच्चा देने से पहले पशु को दूध नहीं निकालना चाहिए, चूकि अयन, नाड़ी में तथा जनन अंगो में गहरा सम्बन्ध रहता है. जिससे बच्चा देने की प्रकिया में कई घंटे की देरी हो सकती है. इसके लिए पशु आहार में शूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी या खनिज तत्वों की कमी में पूरा करना चाहिए. जिसके लिए आहार में हड़ी का चूर्ण या खनिज लवण सामिल करना चाहिए. इसके साथ विटामिन ‘डी’ की मात्रा को आहार में बढ़ा देना चाहिए.

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