Animal Husbandry: पशुओं की बाढ़ या आपदा में मौत होने पर सरकार करेगी आर्थिक मदद, यहां पढ़ें डिटेल

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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. पशुपालन करने वाले किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से बाढ़ या किसी आपदा की वजह से पशुओं की मौत होने पर आर्थिक मदद की जाती है. सरकार ऐसी स्थिति में पशुपालकों की मदद करके उनके आर्थिक नुकसान को काम करना चाहती है. ताकि किसान पहले की तरह ही पशुपालन करते रहें और इससे उनकी इनकम में कोई कमी न हो. साथ ही वह राज्य और देश के विकास में भी योगदान देते रहें.

बिहार सरकार की ओर से ये आर्थिक मदद गाय-भैंस, बैल घोड़ा, बकरी-बकरे, मिथुन, गधा और टट्टू आदि जानवरों को भी पालने पर दिया जाएगा. वहीं पोल्ट्री फार्मिंग करने वाले किसानों को भी आर्थिक मदद देने का प्रावधान है. इसके अलावा आग लगने की वजह से शेड आादि जल जाने पर भी मदद की जाएगी.

आवेदन एवं भुगतान की प्रक्रिया
(1) पशुपालक द्वारा नजदीकी पशुचिकित्सा पदाधिकारी को सूचना दी जायेगी. विहित प्रपत्र (प्रपत्र-क) में आवेदन दिया जायेगा.

(2) पशु चिकित्सा पदाधिकारी शव का पोस्टमार्टम करेंगे और आवेदन अंचलाधिकारी को भेजा जाएगा. अगर शव पोस्टमार्टम की स्थिति में नहीं है तो पशुचिकित्सा पदाधिकारी द्वारा प्रमाण-पत्र के साथ मृत पशुओं की संख्या से संबंधित स्पष्ट प्रतिवेदन अंचलाधिकारी और जिला पशुपालन पदाधिकारी को भेजी जाएगी.

(3) अंचलाधिकारी प्रतिवेदन के अनुसार स्वीकृति के लिए आगे की कार्यवाही करेंगे.

शव न मिलने पर क्या होगा
(1) पशुपालक द्वारा स्थानीय थाना में पशु क्षति के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.

(2) पशुपालक का आवेदन स्थानीय मुखिया या पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, सरपंच, पंच या वार्ड सदस्य द्वारा आगे बढ़ाना होगा.

(3) रिपोर्ट की कॉपी अटैच करते हुए पशुपालक द्वारा आवेदन संबंधित अंचलाधिकारी को दी जायेगी. अंचलाधिकारी राजस्व कर्मचारी, अन्य कर्मी से वास्तविक रूप से पशु के नुकसान संबंधी जांच के बाद मदद की स्वीकृति दी जाएगी.

(4) अंचलाधिकारी पशु की मौत संबंधी सूचना को समय पर जिला पदाधिकारी को उपलब्ध करायेंगे. जिला पदाधिकारी द्वारा जरूरी जांच के बाद आवेदन मंजूर कराकर घटना के एक सप्ताह के अन्दर भुगतान किया जाएगाा.

जानें कितनी मिलेगी मदद
बाढ़ या आपदा की वजह से अगर किसी गाय, भैंस, ऊंट या मिथुन की मौत होती है तो 37 हजार 500 रुपये की आर्थिक मदद की जाती है. अधिकतम तीन पशु प्रति परिवार ही मदद मिलती है. इसी तरह भेड़ बकरी के लिए 4 हजार रुपये की मदद मिलती है. अधिकतम 30 पशुओं के लिए मदद दी जाती है. बैल, ऊंट, घोड़ा, बछड़ा, गधा आौर टट्टू के लिए 20 हहजार रुपये मदद की जाएगी. अधिकतम 6 पशु के लिए मदद मिलेगी. पोल्ट्री में प्रति इकाई 100 रुपये की और अधिकतम 5000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है.

किसे नहीं मिलेगी सहायता
वहीं घर के अंदर लगाये गये शेड वगैरह में आग लग जाती है तो 3300 रुपये आर्थिक मदद की जाती है. सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि आर्थिक रूप से उत्पादक पशुओं की वास्तविक क्षति के मुताबिक ही मदद की जाएगी. किसी अन्य सरकारी योजना से प्राप्त होने वाली मदद या एवीएन इन्फ्लूएंजा से पक्षियों की मौत होने पर या अन्य बीमारियों से मौत होने पर यह सहायता नहीं दी जाएगी.

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