नई दिल्ली. क्या आप भी दुधारू पशु खरीदने का मन बना रहे हैं और इससे डेयरी फार्मिंग का काम शुरू करना चाहते हैं, तो ये खबर आपके लिए है. क्योंकि यहां आपको दुधारू पशु खरीदने के दौरान बरती जाने वाले कुछ सावधानियों के बारे में बताएंगे. जो आपको एक अच्छा दुधारू पशु खरीदने में मदद करेगी. क्योंकि आपको बता दें कि कई बार ऐसा होता है कि दुधारू पशु खरीदने के दौरान कुछ लोग कई तरह का फ्रॉड करते हैं और ज्यादा दूध देने वाला पशु बताकर कम दूध उत्पादन करने वाला पशु बेच देते हैं. अगर आप इस फ्रॉड से बचना चाहते हैं तो आपको ये खबर काफी मदद करेगी.
तो फिर देर किस बात की है, आइए जानते हैं कि कैसे पता लगाया जा सकता है कि दुधारू पशु कौन से होते हैं और इसकी पहचान क्या है. वहीं फ्रॉड से कैसे बचें.
ऐसे पता चलेगा दुधारू पशु है कि नहीं
एक्सपर्ट के मुताबिक दुधारू पशु को खरीदते समय लगातार तीन बार दूध दुहना चाहिए. दरअसल, कुछ व्यापारी चतुराई से काम लेते हैं और आपको पशु खरीदते समय मात्र एक बार सुबह अथवा शाम को ही दूध दुह कर दिखाएंगे. ऐसा करने से आप को ये लगेगा कि यह पशु अधिक दूध देने वाला है, लेकिन सच्चाई ये नहीं होती है. व्यापारी एक समय का दोहन नहीं करता या कम दूध दोहन करता है. जिससे दूध की मात्रा अयन में रह जाती है. इस कारण लगता है कि गाय या फिर भैंस अधिक दूध देने वाली है. इसलिए दुधारू पशु की खरीददारी करते समय तीन बार लगातार दूध दोहन अपने सामने अवश्य करा लेना चाहिए. ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.
दांतों का होता है खास महत्व
वहीं दुधारू पशु का चयन करते समय उसकी सही उम्र का पता लगाना बेहद ही जरूरी होता है. पशु की सही उम्र का पता लगाने के लिए उसके दांतों को देखा जाता है. मुंह की निचली पंक्ति में स्थाई दांतो के चार जोड़े होते हैं. ये सभी जोड़े एकसाथ नहीं निकलते हैं. दांत का पहला जोड़ा पौने दो साल की उम्र में, दूसरा जोड़ा ढाई साल की उम्र में, तीसरा जोड़ा तीन साल के अंत में और चौथा जोड़ा चौथे साल के अंत की उम्र में निकलता है. इस प्रकार से दांतों को देखकर नई और पुरानी गाय या भैंस की सटीक पहचान की जा सकती है. औसतन एक गाय भैंस 20-22 वर्षों तक जीवित रहती है. गाय या भैंस की उत्पादकता उसकी उम्र के साथ-साथ घटती चली जाती है. दुधारू पशु अपने जीवन के यौवन और मध्यकाल में अच्छा दुग्ध उत्पादन करता है. इसलिए दुधारू पशु का चयन करते समय उसकी उम्र की सही जानकारी होना बेहद ही जरूरी होता है.