नई दिल्ली. दुधारू पशुओं को उनकी जरूरत के हिसाब से खाना मिलना चाहिए. उनके चारे में वो हर चीज होनी चाहिए जिससे उनकी सेहत अच्छी रहे. साथ ही उनका दूध उत्पादन भी ज्यादा मिले. अगर चारे में प्रोटीन, मिनरल्स और अन्य तत्वों की कमी रहेगी तो फिर पशु की न तो सेहत अच्छी रहेगी और न ही वो ज्यादा दूध का उत्पादन कर पाएंगे. इसलिए बेहद ही जरूरी है कि पशुओं के खानपान का सही ख्याल रखा जाए. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के एक्सपर्ट ने लाइव स्टक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) को बताया कि पशुओं के चारे पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.
अगर आप भी पशुपालक हैं तो ये खबर आपके लिए है और यहां आपको पता चलेगा कि पशु को किन चीजों की जरूरत होती है.
कच्चा प्रोटीन एवं वसा
एक्सपर्ट के अनुसार दुधारू पशुओं में कच्चा प्रोटीन एवं वसा की मात्रा क्रमश: 20 एवं 2.5 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए.
अगर पशुओं में दोनों पोषक तत्वों को कमी से उनके उत्पादन एवं शारीरिक विकास पर बुरा असर पड़ेगा.
एक्सपर्ट का कहना है कि दुधारू पशुओं के आहार में कच्चे रेश की मात्रा 12 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
इससे पशु आहार में उपस्थित अन्य पोषक तत्वों की पाचनशीलता एवं उनके शरीर में उपलकाता कम हो जायेगी, जिसका विपरीत प्रभाव उत्पादन पर पड़ेगा.
अम्ल घुलनशील राख
एक्सपर्ट कहते हैं कि दुधारू पशुओं में अम्ल घुलनशील राख की मात्रा 4 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इस राख में मुख्य रूप से रेत (सिलिका) होती है. इसकी अधिकता पशुओं के पेट/आंत में घाव कर सकती है.
यह आहार में उपस्थित अन्य तत्वों जैसे-प्रोटीन, वसा, रेशे, शर्करा इत्यादि की पाचनशीलता को घटाकर उनकी शारीरिक उपलब्धता में भी कमी कर देती है. इसका प्रतिकूल प्रभाव पशु के स्वास्थ्य और दूध उत्पादन पर पड़ता है.
निष्कर्ष
इसलिए आहार की गुणवत्ता के परीक्षण से पशुपालक अपने व्यवसाय के अति महत्वपूर्ण अवयव पशु पोषण का नियमन कर अधिक से अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकते है.