Dairy Animal Fodder: डेयरी पशु के लिए बेहतर चारा फसल लोबिया की बुवाई का क्या है सही तरीका, जानें यहां

सीता नगर के पास 515 एकड़ जमीन में यह बड़ी गौशाला बनाई जा रही है. यहां बीस हजार गायों को रखने की व्यवस्था होगी. निराश्रित गोवंश की समस्या सभी जिलों में है इसको दूर करने के प्रयास किया जा रहे हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के एक्सपर्ट ने लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) को जानकारी देते हुए बताया कि लोबिया के अंदर प्रोटीन, कैल्शियम और फाइबर होता है, जो दुधारू पशुओं के लिए बहुत फायदेमंद है. यह एक आसानी से पचने वाला चारा है. इससे दूध उत्पादन भी बढ़ता है. इसलिए पशुओं को लोबिया खिलाना चाहिए. लोबिया से हरा चारा उपलब्ध करने के लिए सिरसा 10, के-585, सी-88, एच.एफ.सी.42-1 सबसे बेहतर किस्म में से एक है. इसकी बुवाई करते हैं तो फिर आपको बेहतर उत्पादन मिलेगा.

अब बात आती है कि इसकी बुवाई कैसे करें. जानकारी के लिए बता दें कि चारे के लिए 30-40 किलो ग्राम बीज प्रति हेक्टेयर प्रयोग होता है. यदि लोबिया को मक्का या ज्वार के साथ मिलाकर बोते हैं तो इसकी बीज दर आधी कर देते हैं.

ऐसे करें बुवाई
बुवाई छिटकवां तरीके से करें. बीज बोने पर बीज की मात्रा बढ़ा लेते हैं. वैसे बीज को 60-90 सेमी की दूरी पर पंक्तियों में भी बोया जाता है.

बोने के समय की बात की जाए तो लोबिया की बुवाई मार्च से शुरू कर सितम्बर तक करते हैं.

आमतौर पर 20-25 किलो ग्राम नाइट्रोजन 50-60 किलो ग्राम फास्फोरस व 20-30 किलो ग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर डाला जाता है. फास्फोरस के प्रयोग से चारे के गुणों में विकास व उपज में वृद्धि होती है.

गर्मी में फसल में बुवाई के लिए 15-20 दिन बार पहली सिंचाई करते हैं. इसके बाद 10-15 दिन के अन्तराल पर जमीन की किस्म के अनुसार सिंचाई करते रहते हैं.

खरीफ में बारिश न होने की स्थिति में सिंचाई करते हैं. गर्मियों में आमतौर पर 3-4 सिंचाईयों की आवश्यकता होती है.

कटाई कब करें
चारे के लिये फसल 60-70 दिन में तैयार हो जाती है. फली बनने से पूर्व काटा गया चारा अधिक नरम और स्वादिष्ट होता है.

लोबिया की रशियन जाइन्ट किस्म में कटाई बुवाई के 50 दिन बाद करते हैं. देशी प्रजातियों से लगभग 25 टन हरा चारा और उन्नतशील प्रजातियों से 30-40 टन हरा चारा प्रति हेक्टेयर मिलता है.

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