Scheme: पशुपालन शुरू करने के लिए सरकार कर रही है आर्थिक मदद, यहां पढ़ें योजना के बारे में

दुधारू पशुओं के बयाने के संकेत में सामान्यतया गर्भनाल या जेर का निष्कासन ब्याने के तीन से 8 घंटे बाद हो जाता है.

गाय-भैंस की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन को शुरू करने के लिए सरकार किसानों की खूब मदद कर रही है. दरअसल, सरकार का मानना है कि पशुपालन करने से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सकता है. उनकी इनकम को दोगुना किया जा सकता है. यही वजह है कि हरियाणा सरकार (Haryana Government) पशुपालन करने के लिए राज्य के किसानों को प्रेरित कर रही है और उनकी आर्थिक मदद भी कर रही है. ताकि किसी भी किसान के पास अगर पैसा नहीं है तो सरकारी मदद लेकर पशुपालन का काम शुरू कर सकें.

हरियाणा में सरकार की ओर से गाय, भैंस, भेड़, बकरी और अन्य पशु को पालने के लिए योजना की शुरुआत की गई है. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) यहां आपको इस बारे में डिटेल से जानकारी देने जा रहा है.

योजना के बारे में जानें
एससी एसटी के लोगों को दो से तीन दुधारू पशु डेयरी इकाई खोलने पर सरकार की तरफ से लागत पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है.

15 मादा और एक नर भेड़ पालने पर 90 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी. अधिकतम 88 हजार 200 की सरकार देगी.

इसी तरीके से एक बकरा और 15 बकरी पालने पर 90 फीसदी सब्सिडी यानी 88 हजार 200 सरकार दे रही है.

जबकि सूअर पालन पर 50 फीसद सब्सिडी अधिकतम 50 हजार रुपए सरकार दे रही है.

सामान्य जाति के लोगों को एक और 16 मादा भेड़ पालने पर 25 फीसदी सब्सिडी यानी 24 हजार 500 सरकार देगी.

वहीं इतनी ही बकरी और बकरा पालने पर 25 फीसदी सब्सिडी यानी 24 हजार 500 रुपए सरकार की ओर से देने की बात कही गई है.

हरियाणा मिनी डेयरी योजना के तहत एक दुधारू पशु पर 25 फीसद सब्सिडी सिर्फ महिलाओं के लिए सरकार दे रही है.

इन योजनाओं के तहत आवेदन करने के लिए परिवार पहचान पत्र, आधार, पैन कार्ड, बैंक कॉपी, फोटो, बैंक एनओसी, बीपीएल आदि जाति प्रमाण पत्र यदि हो तो देना होगा. वहीं 18 से 60 वर्ष की उम्र के लोग आवेदन कर सकते हैं.

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