Animal Fodder: संकर नेपियर बाजरा घास तेजी बढ़ती है, जानें साल में कैसे मिलता है इससे 200 टन चारा

पशुपालन में हरा चारा बेहद जरूरी होता है.

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. संकर नेपियर घास एक लम्बी, तेजी से बढ़ने वाली, गर्म और आद्रता वाले जलवायु में सालभर उगाई जाने वाली चारा घास है. यह पोषक, रसदार और स्वादिष्ट घास है. इसके चारे में 10 प्रतिशत प्रोटीन होता है. ये नाइट्रोजन उर्वरकों और जैविक खाद के इस्तेमाल पर अच्छी प्रतिक्रिया देती है. चमकदार धूप के साथ हल्की बारिश फसल के लिए बहुत अनुकूल होती है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) ने लाइव स्टक एनिमल न्यूज को (Livestock Animal News) बताया कि ये चारा फसल पशुपालन में बेहद ही फायदेमंद साबित होती है.

इसे हल्की दोमट और बलुई मिट्टी को भारी मिट्टी से अधिक वरीयता दी जाती है. जैविक पदार्थ से भरपूर गहरी मिट्टी पर बहुत अच्छी उपज हासिल होती है. इसके लिए गहरी, खरपतवार मुक्त और सघन मिट्टी की जरूरत होती है, तीन से चार बार जुताई के बाद समतलीकरण करना आदर्श होता है. यह फसल बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों और पानी जमा होने वाले क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है.

ऐसे करें बुवाई
बता दें कि बारिश वाले क्षेत्रों में, रोपाई मॉनसून की शुरुआत में की जाती है जबकि सिंचित क्षेत्रों में रोपाई वर्षभर में किसी भी समय पर की जा सकती है.

घास की रोपाई जड़ के टुकड़ों या फिर तने के टुकड़ों द्वारा की जा सकती है.

निचले दो तिहाई भाग में स्थित मध्यम आयु के तने के टुकड़े, अधिक आयु वाले तने के टुकड़ों की अपेक्षा तेजी से अंकुरित होते हैं.

दो गांठ युक्त जड़ या तने के टुकड़े 5 सेमी. गहराई पर निचले सिरे को नीचे रख कर, 45 डिग्री के कोण पर इस तरह से लगाना चाहिए कि एक गांठ जमीन के नीचे व दूसरी गांठ जमीन की सतह से ऊपर रहे.

संकर नेपियर घास के लिए 100 गुणे 50 सेमी (लाइन से लाइन 100 सेमी. और पौधे से पौधे 50 सेमी.) की दूरी संस्तुत की गई है.

15 टन गोबर खाद, 50 किग्रा नाइट्रोजन, 50 किलो ग्राम फोस्फोरस और 40 किलो ग्राम पोटाश प्रति हैक्टेयर बुवाई के समय और 50 किलो ग्राम नाइट्रोजन प्रति हैक्टेयर प्रत्येक कटाई के बाद डालें. हर साल यह मात्रा दोहराएं.

अम्लीय भूमि में 500 किलो ग्राम प्रति हैक्टेयर की दर से प्रति दो वर्ष में चूना डालना चाहिए.

खेत में रोपाई के तुरन्त बाद और इसके बाद जरूरत के अनुसार सिंचाई करनी चाहिए.

खेत को, प्रथम दो महीनों में खुरपी, कुदाल की सहायता से खरपतवार नियंत्रण करके खरपतवारों से मुक्त रखना चाहिए.

नवम्बर में सर्दी शुरु होने पर जंगली घासों और अन्य पौधों का हाथों द्वारा खरपतवार नियंत्रण करना चाहिए.

पहली कटाई रोपाई के 75 दिन बाद और अगली कटाई निरंतर 45-60 दिन के अंतर पर जमीन से 10-15 सेमी ऊंचाई से करनी चाहिए.

हरे चारे की उपज 100-125 टन प्रति हैक्टेयर प्रति वर्ष तक रहती है.

उत्तर भारत में रबी मौसम में संकर नेपियर के साथ बरसीम बोना उपयुक्त रहता है.

निष्कर्ष
200 टन प्रति हैक्टेयर चारा उत्पादन पाने के लिए गर्मियों में लोबिया और सर्दियों में बरसीम रिजका की फसल को संकर नेपियर के साथ बोना चाहिए. इससे पशु चारे की कोई कमी नहीं होगी.

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