नई दिल्ली. मध्य प्रदेश सरकार लगातार दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है. सरकार राज्य को दूध उत्पादन के मामले में तीसरे से पहले स्थान पर लाकर राज्य को डेयरी कैपिटल बनाने का सपना देखती है. इसी मकसद को पूरा करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि राज्य में दूध उत्पादन बढ़े और इसका फायदा पशुपालकों को मिले. इससे उनकी इनकम में भी इजाफा होगा. इसलिए मध्य प्रदेश सरकार ने दो अक्टूबर से राज्य में एक खास बभियान “दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान शुरू करने जा रही है.
पशुपालन एवं डेयरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में निरंतर गो-संरक्षण और गो-संवर्धन के कार्य किए जा रहे हैं.
क्या-क्या काम होगा
उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों की पशुपालन के माध्यम से आय बढ़ाने और दूध उत्पादन को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य से प्रदेश में 2 अक्टूबर से दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान शुरू किया जाएगा.
अभियान के तहत गांव-गांव पशुपालकों से व्यक्तिगत सम्पर्क किया जायेगा और उन्हें पशुओं में नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य एवं पोषण के संबंध में जागरूक किये जाने के साथ जरूरी मार्गदर्शन भी दिया जायेगा.
अभियान 3 चरणों में चलाया जायेगा. इसकी शुरूआत 2 अक्टूबर को ग्राम सभाओं से की जायेगी. अभियान 9 अक्टूबर तक चलेगा.
राज्यमंत्री पटेल ने बताया कि “दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान’ के प्रथम चरण में 10 या 10 से अधिक गो-वंश रखने वाले पशुपालकों से सम्पर्क किया जायेगा.
अभियान के द्वितीय चरण में 5 या अधिक गो-वंश रखने वाले पशुपालकों और तीसरे चरण में 5 या कम गो-वंश रखने वाले पशुपालकों से सम्पर्क किया जायेगा.
अभियान के अंतर्गत सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी, मैत्री द्वारा पशुपालकों से गृह भेंट की जायेगी और उन्हें पशु पोषण, पशु स्वास्थ्य एवं नस्ल सुधार के संबंध में जागरूक किया जायेगा.
साथ ही पशुओं में टैग लगाने संबंधी जानकारी भी एकत्र की जायेगी. इस कार्य के लिये मैत्री को प्रति पशुपालक 5 रुपये का मानदेय भी दिया जायेगा.
दूध समृद्धि सम्पर्क अभियान संबंधी प्रशिक्षण प्रत्येक जिले के मास्टर ट्रेनर को राज्य पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान, भोपाल में दिया जायेगा.