नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में पशुपान को लेकर कई योजना चल रही है. उसी में से एक मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना भी है. इसके तहत नस्ल सुधार के लिए गिर गाय में ब्राजील के उन्नत नस्ल के गिर सांड का सीमन लगाने, सैक्स सोर्टेड तकनीक, मोबाइल वेटेनरी वैन, गोपालक क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं. गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने पिछले दिनों कहा कि पशुपालकों को उनके द्वार पर पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराए जाने के लिए मेडिकल सेवा-108 की तर्ज पर 1962 मोबाइल वेटेरिनरी सेवाएं शुरू की गई हैं. 536 मोबाइल वाहनों द्वारा अब तक 48 लाख पशुओं का उपचार कर 11.92 लाख से अधिक पशुपालकों को फायदा पहुंचाया गया है.
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत 400 करोड़ का व्यय कर गाय, भैंस, भेड़-बकरी एवं ऊंट सहित 21 लाख पषुओं का फ्री बीमा किये जाने के लिए ऑनलाईन पंजीकरण 13 दिसम्बर, 2024 से शुरू कर 8.95 लाख पषुपालकों के 20.30 लाख पषुओं का पंजीकरण किया गया. योजना के तहत अब तक 337134 परिवार के 6.57 लाख पशुओं की फ्री बीमा पॉलिसी जारी की गई है. साल 2025-26 के दौरान 42 लाख पशुओं का बीमा फ्री किया जायेगा.
जल्द जारी होंगे 811 करोड़ रुपए
गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि गौशालाओं को समय पर अनुदान राशि का भुगतान हो इसके लिए गोपालन विभाग की एप में अपग्रेडेशन किया गया है. इसके बाद नवंबर, दिसंबर-2024, जनवरी, फरवरी व मार्च-2025 तक के 150 दिन की बकाया करीब 811 करोड़ रुपए की राशि जल्द ही जारी की जाएगी. इसके लिए विभागीय स्तर पर भौतिक सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गौवंश की चिंता करते हुए दो बार में करीब 25 फीसदी तक प्रति गौवंश की अनुदान राशि में बढ़ोतरी की है. इससे प्रदेश की तीन हजार से ज्यादा गौशालाओं के 13 लाख 80 हजार गौवंश को चारा, पानी इत्यादि उपलब्ध होगा.
नंदीशाला के लिए हुए ऐतिहासिक कार्य
मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि नंदियों की उचित देखभाल, चिकित्सा व चारे इत्यादि के प्रभावी क्रिन्यावयन के लिए राजस्थान सरकार संवेदनशील है। इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पंचायत समिति स्तर पर नंदीशाला खोलने के लिए एक करोड़ 57 लाख रुपए देने का प्रावधान किया है. इसी का परिणाम है कि 109 नंदीशाला बनाने की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 65 नंदीशालाओं का कार्य प्रगति पर है. इनमें से 10 नंदीशाला का कार्य पूरा होने पर उनमें कुल 4708 नंदियों को आवास दिया गया है. इसके अलावा 34 नंदीशालाओं का कार्य प्रगति पर है. उन्होंने बताया कि नंदीशालाओं के विकास कार्यों के लिए 2740 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.