Animal Disease News: ये खतरनाक बीमारी पशुओं की ले लेती है जान, जानें बचाव का तरीका

दुधारू पशु ब्याने के संकेत देते हैं. गर्भनाल जेर का निष्कासन ब्याने के तीन से 8 घंटे बाद होता है.

भैंस की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुओं को बीमारी से बचाना बेहद ही जरूरी होता है, नहीं तो इससे उनका उत्पादन कम हो जाता है. वहीं उत्पादन कम होने के साथ-साथ पशुओं की सेहत खराब होने का भी खतरा रहता है. जिससे पशुओं को जल्दी-जल्दी बीमारियां लगने लगती हैं और 20 से 22 साल जीने वाले पशु कई बार जल्दी मर जाते हैं. इसलिए बेहद ही जरूरी है कि पशुओं को बीमारियों से बचाया जाए. ताकि ना तो उत्पादन पर असर पड़े ना ही पशुओं की सेहत खराब हो. तभी आप पशुपालन के काम में अच्छा खासा मुनाफा कमा पाएंगे नहीं तो नुकसान उठाना पड़ जाएगा. एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि पशुओं की मौत से पशुपालन में ज्यादा बड़ा नुकसान होता है.

गौरतलब है कि पशुओं में कई बीमारियां होती हैं, उसी में हाइपोमैग्निसिमिया भी होती है. ये बीमारी आमतौर पर मैग्नीशियम की कमी से पशुओं में पैदा हो सकती है. इस बीमारी की वजह से पशुओं के तंत्रिका तंत्र की अति सक्रियता होती है. जिससे पशुओं की मांसपेशियों में कंपन हो जाता है. वही मांसपेशियों में कमजोरी और लकवा की शिकायत हो जाती है, जो पशुओं के लिए बेहद खतरनाक है. कुछ मामलों में अचानक से मौत हो जाती है. खासकर जुगाली करने वाले जानवरों की मौत हो जाती है. डेयरी जानवरों में इस बीमारी के होने की वजह से दूध उत्पादन में कमी देखी गई है.

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