Animal Husbandry: आग से झुलसी गाय को मोबाइल वेटनरी यूनिट ने किया इलाज, मिला नया जीवन

छोटे जुगाली करने वाले पशुओं में, मादा जुड़वां या तीन बच्चों को पालने में असमर्थ हो सकती है और एक या अधिक बच्चे गर्भ में ही खत्म होने का खतरा हो सकता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. बिहार के सभी जिले के सभी प्रखंडों में पशुपालकों की सुविधा के लिए पशुपालन विभाग द्वारा मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई की शुरुआत की गयी है. ताकि पशुपालकों की घर बैठे ही बेहतर और फ्री में इलाज मिल सके. बक्सर चौसा प्रखंड के कोचाड़ी गांव में एमवीयू की टीम के अथक प्रयासों से एक गाभिन गाय को नया जीवन मिला. गांव के पशुपालक महादेव राय की 10 फरवरी की रात में आग लगने से गाभिन गाय बुरी तरह झुलस गयी थी. आग में उसका पूरा शरीर झुलस जाने से गाय ने खाना-पीना पूरी तरह छोड़ दिया, शरीर में गंभीर पाच बन गए और असहनीय दर्द होने लगा.

जानकारी के मुताबिक शुरुआती इलाज के लिए पशुपालक ने लोकल डॉक्टर से संपर्क किया, लेकिन कोई सुधार नाहीं हुआ. समय और पैसों की बर्बादी के बाद मेरा उम्मीदें टूटने लगी थी, तभी उनके एक मित्र ने मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई के बारे में जानकारी दी. जो निःशुल्क इलाज मुहैया कराती है. पशुपालक ने तुरंत 1962 पर कॉल करके एमवीयू से संपर्क किया.

इलाज के साथ बछड़ा ​भी मिला
सूचना मिलते ही डॉक्टर अजय प्रकाश यादव अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. डॉक्टर अजय ने तुरंत डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर जिला समन्वय अग्निवेश कुमार से संपर्क कर केस की गंभीरता बतायी, डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर अग्निवेश कुमार ने डॉक्टर को सर्वोत्तम इलाज का निर्देश दिया और पशुपालक से भी बात कर भरोसा दिलाया. डॉ अजय प्रकाश यादव ने तत्काल इलाज शुरू किया इलाज के दो-तीन दिन के भीतर ही गाय ने खाना-पीना शुरू कर दिया और दर्द में भी कमी आयी. लंबे उपचार के बाद गाय की स्थिति में काफी सुधार हुआ और उसके घाव भरने लगे, महादेव राय की गाय पूरी तरह स्वस्थ हो गई और उसने एक स्वस्थ बछड़े को जन्म दिया.

पशुपालक की खुशी का नहीं था ठिकाना
इस सफलता से पशुपालक महादेव राय अत्यंत खुश हैं और उन्होंने डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर अग्निवेश कुमार और डॉक्टर अजय प्रकाश यादव का आभार जताते हुए कहा, “हमने तो उम्मीद छोड़ दी थी, पर एमवीयू की समय पर मदद और उनके दृढ़ निश्चय से हमारी गाय न केवल बच गयी बल्कि स्वस्थ बच्चे को भी जन्म दिया. इस उपकार को हम जिंदगी भर नाहीं भूल सकते. इस केस में भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार के साथ-साथ एमवीयू के डॉ. अरुण कुमार, डॉ गौरव विशाल, डॉ. अनुराग यादव, डॉ. पियूष यादव और डॉ. शिव शंकर ने भी परामर्श और सहयोग देकर महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.

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