Dairy: पशुओं में कितने तरह का होता है बांझपन, मुख्य वजह क्या है

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गिर गाय की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. डेयरी फार्मिंग के बिजनेस में पशुओं का बांझपन बेहद ही नुकसान पहुंचाने वाली एक तरह की बीमारी है. अगर पशु बांझपन के शिकार हो जाते हैं तब पशुपालकों को आर्थिक रूप से तगड़ा नुकसान होता है. क्यों​कि पशु का दूध उत्पादन कम हो जाता है. इससे पशु बछड़े या फिर बछिया को जन्म नहीं दे पाते हैं. इसके चलते पशु को बाडे से बाहर निकालना पड़ जाता है. जिसका सीधा सा मतलब है कि नुकसान. अब ये पशु डेयरी फार्मिंग के काम का नहीं रह जाता है. क्योंकि वो दूध का उत्पादन नहीं करता है.

बिहार के पशु और मत्स्य संसाधन विभाग के एक्स्पर्ट का कहना है कि पशुओं में बांझपन कई वजहों से होता है. जिससे पशु गर्भ धारण नहीं कर पाते हैं. इस आर्टिकल में हम आपको इसके कारणों के बारे में जानकारी देंगे, ​जो कि​ बिहार के पशु और मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से जारी की गई है.

पशुओं में कितने तरह के होते हैं बांझपन

  1. प्राइमरी इनफर्टिलिटी

जब कोई पशु यौन परिपक्व होने के बाद भी एक बार भी गर्भधारण न कर सके तो यह प्राथमिक बाँझपन होता है.

  1. सेकेंडरी इन्फर्टिलिटी
    जब पशु ने पहले गर्भधारण किया हो लेकिन अब गर्भधारण में असमर्थ हो, तो इसे गौण बांझपन कहते हैं.
  2. फंक्शनल इनफर्टिलिटी
    हार्मोन असंतुलन के कारण, जैसे साइलेंट हीट होता है.

बांझपन का मुख्य कारण क्या है
हार्मोनल असंतुलन इसका मुख्य कारण है. इस कारण साइलेंट हीट (गर्मी के लक्षण नहीं दिखते) या फॉल्स हीट दिखाई पड़ता है. इसके नतीजे में पशु गर्भ धारण नहीं कर पाते हैं.

क्या पोषण की कमी से भी होता है बांझपन
जब पशु के शरीर में प्रोटीन, मिनरल और विटामिन की कमी हो जाती है तो उनमें बांझपन की शिकायत देखी जाती है.

खासतौर पर फॉस्फोरस, आयोडीन, कैल्शियम, जिंक की कमी हो तो उस कारण बाँझपन हो सकता है.

एक्सपर्ट के अनुसार ऊर्जा वाले चारे की कमी के कारण भी बाँझपन की समस्या होती है.

निष्कर्ष
पशुओं को हर हाल में बांझपन बचाना जरूरी है. नहीं तो डेयरी फार्मिंग के काम में इससे नुकसान हो सकता है. बांझपन से बचाने के लिए पशुओं को अच्छा आहार देना चाहिए. हैल्थ की समय—समय पर जांच करनी चाहिए और सही प्रजनन प्रबंधन से अपनाना चाहिए.

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