DUVASU Mathura के कुलपति डॉ. अभिजित मित्र ने संभाला काम, बताया तीन साल में क्या करेंगे

DUVASU Mathura के नए कुलपति डॉ. अभिजित मित्र.

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान, मथुरा DUVASU Mathura के नए कुलपति ने कार्यभार संभाल लिया है. नव नियुक्त कुलपति डॉ. अभिजित मित्र, पूर्व आयुक्त, पशुपालन, भारत सरकार अध्यक्ष, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड, भारत सरकार, अध्यक्ष पशु प्रयोगों के नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण समिति, भारत सरकार ने कहीं अहम जिम्मेदारियां अब तक निभाई हैं. अब वो अगले तीन सालों तक DUVASU Mathura के कुलपति के तौर पर इस संस्थान को आगे ले जाने का काम करेंगे.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा 11 मई 2025 को डॉ. मित्र को पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय का कुलपति, कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से 3 वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया है.

जानें कुलपति ने क्या कहा
कुलपति का काम संभालने के बाद नव नियुक्त कुलपति डॉ. मित्र ने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षा, शोध एवं प्रसार गतिविधियों को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता है.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों के शैक्षणिक, मानसिक, शारीरिक एवं व्यक्तित्व विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. छात्र हमारे देश का भविष्य हैं.

यह विश्वविद्यालय, मत्स्यिकी, डेरी साइंस, पशु चिकित्सा एवं पशुपालन तथा जैव प्रौद्योगिकी में स्नातक, परास्नातक के साथ-साथ पशुपालन में डिप्लोमा भी प्रदान करता है.

इसलिए हमारा मकसद प्रदेश एवं देश को उच्च कोटि के विशेषज्ञ, मानव संसाधन के रूप में उपलब्ध कराना है.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कोठारी पशु चिकित्सालय को रेफरल पशु चिकित्सालय के रूप में स्थापित करना तथा उसमें पशुओं के लिए ब्लड बैंक की व्यवस्था करना उनकी प्राथमिकता है.

उन्होंने कहा कि हमें वन हेल्थ पर कार्य करने की आवश्यकता है क्योंकि मानव, पशु तथा पर्यावरणीय स्वास्थ्य आपस में जुड़े हुए हैं.

इसके मद्देनजर से जोखिमों का प्रबंध किया जाता है. जिससे महामारियों तथा अन्य स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में मदद मिलती है.

उन्होंने कहा कि पशुपालक एवं मत्स्य पालक किसानों के लिए नवीनतम तथा वैज्ञानिक तकनीकी गांव-गांव तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है. जिससे हमारे किसान अच्छी उत्पादकता प्राप्त कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके.

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