Fish Farming Scheme: मछली पालकों को सरकार दे रही है आर्थिक मदद, जल्द करें आवेदन

मछली में कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो पूरे मछली के बिजनेस को नुकसान पहुंचा सकती हैं.

तालाब में पाली गई मछली की तस्वीर.

नई दिल्ली. बिहार सरकार अपनी विभिन्न योजनाओं के जरिए मछली पालकों को सहायता दे रही है, जिसकी बदौलत राज्य को मछली के उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिली है. इसी कड़ी में बिहार सरकार के पशु एवं मास्य संसाधन विभाग (Department of Animal and Fish Resources) मत्स्य निदेशालय ने मुख्यमंत्री जलाशय मत्स्यिकी विकास योजना 2025/26 के लिए आवेदन आमंत्रित किया है. इसका फायदा उठाने के लिए मछली पालकों के पास 31 दिसंबर तक का समय है. इस तारीख तक आवेदन करने वाले आवेदक योजना का लाभ उठा सकते हैं.

मुख्यमंत्री जलाशय विकास योजना के तहत राज्य के जताशयों में संचयन आधारित मछली एवं केज आधारित मास्य पालन तकनिक के द्वारा उत्पादन को बढ़ाना है.

कितनी मिलेगी सरकारी मदद
जहां सभी वर्ग के महली पालकों को 80 तथा अनुसूचित जाति एवं जाति वर्ग को 90 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है. बाकी बचा हुआ पैसा बैंक लोन या खुद के द्वारा उठाना होगा.

इस योजनान्तर्गत राज्य के तहत जलाशयों में संचयर आधारित मत्स्यिकी और केज आधारित मछली पालन के द्वारा मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है.

ये योजना बिहार के जिले में लागू की गई है. इसमें बॉका, नवादा, जमुई, सासाराम, कैमूर, मुंगेर, लखीसराय आदि प्रमुख हैं.

इस योजना के जरिए विगत दो वर्षों में मछली पालकों को 16 करोड़ 30 लाख रुपए का अनुदान दिया जा चुका है.

जिसका लाभ उठाकर राज्य के मछली पालक आत्मनिर्भर हुए हैं. जिन लोगों को इस योजना का फायदा मिलेगा उसमें पहली श्रेणी मछली बीज उत्पादन करने वाले शामिल हैं.

जिसके लिए सरकार 60 रुपए प्रति हेक्टेयर इकाई लागत अनुदान देगी.

वहीं केज फार्मिंग के तहत 3 लाख रुपए तक की मदद सरकार करेगी.

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