Fish Farming: इस तरह से मछली पालन की लागत होगी कम और मुनाफा होगा ज्यादा, यहां पढ़ें तरीका

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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. मछली पालक फिश फार्मिंग में मेहनत तो करते हैं लेकिन कई बार रिजल्ट उनके मुताबिक नहीं मिलता है. क्या आप भी मछली पालक हैं और आपके साथ भी ऐसा हुआ कि मेहनत करने के बावजूद मुनाफा बिल्कुल भी नहीं मिला है. असल में यह मुनाफा इसलिए नहीं मिलता क्योंकि आपकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा महंगे फीड पर खर्च हो जाता है. जिससे कंपनियों को फायदा होता है आपको नहीं. जितना ज्यादा महंगा फीड खरीदेंगे उतना ही ज्यादा प्रॉफिट कम होने का चांस बढ़ जाएगा लेकिन तालाब में अगर मछलियों के लिए प्राकृतिक आहार तैयार हो जाए तो आप फीड पर आने वाली लागत को कम कर सकते हैं. इससे मुनाफा भी कई गुना बढ़ जाएगा.

कई देसी तरीके हैं, जिससे मछली पालन की लागत कम की जा सकती है. ये तरीके मछली पालन को सस्ता बनाते हैं, जिससे आपकी कमाई बढ़ जाती है. सवाल ये है कि क्या ऐसा हो सकता है कि प्राकृतिक तौर पर मछलियां खुद अपना खाना खा लें और तेजी से उनकी ग्रोथ हो तो जवाब है हां, ऐसा हो सकता है.

नेचुरल फीड से लागत होगी कम
अगर आप मछली पालन की सही तकनीक अपनाएंगे तो तालाब में मौजूद मछलियों को पोषण देने वाले प्रकृतिक जीव और वनस्पतियां खुद ही विकसित होने लगेंगे. इससे आपकी लागत भी बचेगी और मछलियों की सेहत भी अच्छी रहेगी. यहां आप इस बात को भी ध्यान रखें कि जो कंपनियां फीड बनाती हैं वह खराब नहीं होता या मछलियों को उन्हें नहीं खिलाना चाहिए. बल्कि मछलियों खिला सकते हैं लेकिन यह महंगा पड़ता है. इससे आपकी मछली पालन की लागत पर असर पड़ता है और लागत बढ़ जाती है. यदि आपके तालाब में मछलियों को ज्यादा पोषण देने की जरूरत है या आप ऐसी मछलियों को पाल रहे हैं, जिनकी ग्रोथ के लिए कंपनी वाला फीड दिया जाना चाहिए तो आप उसे जरूर दें. जैसे की प्यासी, रूपचंद्र, तिलापिया, मांगुर और झींगा मछलियों को कंपनी का फीड ही दिया जाना चाहिए.

क्या है नेचुरल फीड
अगर आप तालाब में आईएमसी और कार्प मछलियों का पालन कर रहे हैं तो इनके लिए अगर तालाब में नेचुरल तरीके से आहार तैयार हो जाए तो इससे आपका खर्च आधा हो जाएगा. देसी तरीका अपनाने से आप महंगे फीड पर पूरी तरह से निर्भर नहीं रहेंगे. जिससे आपकी लागत बचेगी और आपका मुनाफा बढ़ जाएगा. यही वजह है कि अनुभवी मछली पालक धीरे-धीरे बाजार के महंगे फीड की जगह प्राकृतिक फीड पर शिफ्ट हो रहे हैं. ताकि उन्हें ज्यादा फायदा मिले. जिस तरह नदियों, झीलों और बड़ी-बड़ी नहरों में कोई फीड नहीं डालता है और वहां मछलियां प्राकृतिक फीड पर ही पल जाती हैं. उनकी ग्रोथ भी अच्छी होती है. दरअसल, यहां प्राकृतिक रूप से मौजूद छोटे-छोटे जलीय जीव, पौधे और कवक को मछलियां भोजन के रूप में खाती हैं. ठीक इसी तरह से तालाब में इन चीजों को पैदा किया जा सकता है.

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