नई दिल्ली. मछली पालन करने वाले लोगों के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना आर्थिक स्थिति मजबूत करने में एक बेहतरीन योजना साबित हो रही है. दरअसल, योजना के तहत 40 से 60 प्रतिशत वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है. मछली पालन करने या इससे जुड़े अन्य व्यवसाय करने के लिए इच्छुक बेरोजगार शिक्षित युकओं के लिए के लिए केंद्र और राज्य सरकार कई प्रकार की योजनाएं चाला रही है. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गया है इस योजना के लाभ के लिए इच्छुक व्यक्ति आवश्यक कागजात के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
बता दें कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और मुख्यमंत्री मात्स्यिकी योजना के तहत मिलने वाले लाभ के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गया है. इस योजना में चयनित अभ्यर्थियों को मछली पालन करने तथा इससे जुड़े अन्य व्यवसाय के लिए सरकार की और से अनुवन दिया जाता है.
सरकार की तरफ से मिलती है सब्सिडी
योजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि मत्स्यकी विभाग में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत नया तालाब, रिवरिंग तालाब, बायोफ्लॉक तालाच, बायोफ्लॉक टैंक, आरएएस, फिश फीड मील, आइस बॉक्स के साथ साइकिल, बाइक तथा तीन पहिया वाहन योजना, फिश कियोस्क, जिंदा मछली विक्रय केंद्र आदि योजनाएं संचालित हो रही है. वहीं, मुख्यमंत्री तालाब मालियकी योजना के तहत उन्नत मत्स्य बीज उत्पादन, ट्यूबवेल तथा पंप सेट अधिष्ठापन व यांत्रिक ग्रेटर की सुविधा दी जा रही है.
चल रही हैं ये योजनाएं
इसके अलावा कार्य हैचरी इन्पुट सहायता योजना, तालाब मालियकी विशेष सहायता योजना, मत्स्य प्रजाति विविधिकरण योजना (इसके अंतर्गत कैट फिश व माइनर कापं पालन किया जाता है), मुख्यमंत्री मछुआरा कल्याण ोजना, मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना (इसके अंतर्गत तालाब निर्माण के लिए सहायता दी जाती है), प्रशिक्षण योजना, एक दिवसीय भ्रमण दर्शन योजना व राहत सह बचत योजना चल रही है. इस व्यवसाय से जुड़े लोग या फिर जुड़ने वाले लोग अपनी सुविधानुसार योजनाओं का चयन कर आवेदन कर सकते हैं, चयनित अभ्यर्थियों को सरकार की ओर से अनुदान दिया जायेगा, जिससे अभ्यर्थी अपना स्वरोजगार शुरू कर अच्छी आमदनी कर सकते हैं.
आवेदन के लिए किन कागजात की है जरूरत
बता दें कि आवेदन करने के लिए एलपीसी, आधार कार्ड, प्रशिक्षण प्रमाणपत्र, भूमि की रसीद, आय प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र (आरक्षित श्रेणी के लिए), फोटो, चौहद्दी के साथ स्थल का नक्शा, शपथ पत्र की जरूरत पड़ेगी.
विभाग देगा ट्रेनिंग
जिला मत्स्य पदाधिकारी डॉ. नूतन ने बताया कि विभाग के ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना तथा अन्य विभागीय योजनाओं के लिए किसानों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है. यूनिट लगाने से पहले प्रशिक्षण अवश्य ले तया मिट्टी व पानी की टेस्टिंग अवश्य रूप से करवाएं ताकि यूनिट कामयाब हो सकें.