नई दिल्ली. बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधान विभाग की मानें तो मछली पालन के काम में बीज उत्पादन का काम करने के लिए ये वक्त बिल्कुल सही है. क्योंकि बारिश के मौसम को ही बीज उत्पादन के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है. ऐसे में जुलाई और अगस्त के इस महीने में आप मछली के बीज उत्पादन काम कर सकते हैं और इससे फायदा भी कमा सकते हैं. हालांकि इसमें आपको कुछ बातों का ख्याल भी रखना होगा, जो आगे हम आपको बताएंगे. जिससे उत्पादन बेहतर लिया जा सकता है.
यहां ये भी जान लें कि मछली पालन का काम इनकम कमाने का एक बेहतरीन जरिया है और इससे लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं.
क्या करना चाहिए
मत्स्य बीज पक्षेत्र सुनारू फतुहा पटना के सहायक मत्स्य निदेशक डॉ. टुनटुन सिंह ने बताया कि अभी बरसात का वक्त है और इस समय में मछली के बीज उत्पादन का काम किया जाता है.
उन्होंने कहा कि जुलाई और अगस्त का समय इसका सबसे अहम समय माना जाता है. इसलिए सभी हैचरी चलने वाले लोक प्रजनक मछलियों से अच्छा उत्पादन ले सकते हैं.
कहा कि जब भी किसान भाई हैचरी में मछली के बीज उत्पादन के लिए कोशिश करें तो मछली के प्रजनन करने के बाद अंडा निकालने के बाद मछली पालकों को चाहिए कि सही तरीके से अकुमाइज्ड जरूर करें.
आमतौर पर ऐसा नहीं होने से मछली में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है. फिर बाद में जब मछलियों को तालाब में डाला जाता है तो उनमें मृत्यु दर दिखाई देने लगती है.
मछली पालक के पास दो टाइप का तालाब होना चाहिए. एक तालाब से मछली बीज निकालें और फिर उसको दूसरे तालाब में रख दें.
हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि प्रजनक मछली को 2000 किलो प्रति हेक्टेयर से ज्यादा का स्टोर नहीं करना चाहिए.
निष्कर्ष
एक्सपर्ट के बताए तरीके अनुसार अगर आप मछली के बीज का उत्पादन करते हैं तो आपको फायदा होगा. क्योंकि इससे उत्पादन भी बेहतर मिलेगा और मछलियों के बच्चों की ग्रोथ भी अच्छी होगी. इससे आगे फायदा होगा.