नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में पशुपालन को लेकर कई अहम निर्णय हुए. खासतौर पर सरकार की ओर से गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम फैसले लिए गए. असल में सरकार चाहती है कि पशुपालन को बढ़ावा मिल सके, ताकि राज्य में दूध उत्पादन बढ़े. मध्य प्रदेश के सीएम पहले ही कह चुके हैं कि राज्य में दूध उत्पादन 9 फीसद से बढ़ाकर वो 20 फीसद करने की मंशा रखते हैं. इसी क्रम में सरकार की इस अहम बैठक में पशुपालन को लेकर फैसले लिए गए.
सरकार का मानना है कि दूध उत्पादन को बढ़ाने में गायों का अहम रोल होगा. इसलिए राज्य में गौशालाओं को खोलने के लिए भी सरकार प्रोत्साहित कर रही है. जिसके तहत गौशालाओं में प्रति गाय के खर्च को दोगुना किया गया है. इससे गौशाला खोलने की चाहत रखने वाले लोगों को बल मिलेगा और उन्हें सरकारी मदद से गौशाला चलाने में मदद भी मिलेगी. जिससे राज्य में बेसहारा पशुओं की संख्या पर नित्रंण भी किया जा सकता है. इससे रोड एक्सीडेंट आदि भी रोके जा सकते हैं और दूध उत्पादन भी बढ़ाया जा सकता है.
40 रुपए प्रति गाय मिलेगा
राज्य में निराश्रित गौवंश की समस्या के हल के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग के तहत “मध्यप्रदेश राज्य में स्वावलंबी गौशालाओं की स्थापना की नीति : 2025” की स्वीकृति देने का निर्णय लिया गया है. मंत्रि-परिषद द्वारा गौशालाओं की स्थापना को प्रोत्साहित करने और मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के क्रम में गौ-शालाओं को 20 रुपये प्रति गौवंश प्रति दिवस से बढ़ाकर 40 रूपये प्रति गौवंश प्रति दिवस किये जाने का निर्णय लिया गया है.
जीरो ब्याज में मिलेगा लोन
सरकार ने राज्य में पशुपालन एवं डेयरी से संबंधित गतिविधियों में रोजगार के नए अवसर बढ़ाने, उत्पादकता बढ़ाने, किसानों की आय बढने से जीएसडीपी में वृद्धि और राष्ट्र की जीडीपी में योगदान बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना को लगातार (वर्ष 2024-25 तथा 2025-26) रखते हुए योजना का नाम “डॉ. अम्बेडकर पशुपालन विकास योजना” रखे जाने का निर्णय लिया गया. सहकारिता के माध्यम से पशुपालन गतिविधियों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसान को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करायें जायेंगे.
नस्ल सुधार के लिए बड़ा फैसला लिया
नस्ल सुधार के लिए भ्रूण प्रत्यारोपण कार्यक्रम और बांझ निवारण शिविरों का आयोजन किया जायेगा. मुख्यमंत्री डेयरी प्लस कार्यक्रम, चारा उत्पादन कार्यक्रम, प्रदेश की मूल गौवंशीय नस्ल एवं भारतीय उन्नत नस्ल की दूधारू गायों के लिए पुरस्कार कार्यक्रम, मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम तथा पशुपालकों को योजनाओं की जानकारी देने के लिए प्रचार-प्रसार कार्यक्रम को मंजूरी दी है.