Meat Production: स्लाटर हाउस की कैसे होनी चाहिए डिजाइन, किस तरह की हो वहां सुविधाएं, जानें यहां

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मीट डिमांड बढ़ी है तो इसलिए मीट का उत्पादन भी बढ़ा है. हाल ही के वर्षों में पशु उत्पादों की सेफ्टी तय करने पर अधिक ध्यान दिया गया है. ताकि लोगों को हाइजीनिक यानि साफ-सुथरा और स्वच्छ मीट उपलब्ध कराया जा सके. एक्सपर्ट का कहना है कि असल में संक्रमित या फिर रोगी पशु के मांस के अलावा, कटिंग और हैंडलिंग प्रथाओं के साथ-साथ खराब परिवहन की स्थिति के कारण मीट से होने वाली बीमारियां बढ़ जाती हैं. इसलिए भारत में एक संगठित मांस क्षेत्र की बेहद ही जरूरत है और संगठित मांस उद्योग की सबसे महत्वपूर्ण जरूरत स्वच्छ मांस उत्पादन की है.

एक्सपर्ट के मुताबिक बूचड़खानों को अच्छी तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए, आधुनिक वैज्ञानिक लाइनों पर प्रबंधित किया जाना चाहिए और अच्छी गुणवत्ता वाले मांस का उत्पादन करने के लिए कटिंग से पहले और पोस्टमॉर्टम, मांस निरीक्षण के साथ-साथ स्वच्छ और स्वच्छता प्रक्रियाओं के साथ प्रशिक्षित और कुशल लोगों द्वारा चलाया जाना चाहिए. खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के मुताबिक हाइजीनिक यानि स्वच्छ मांस उत्पादन के लिए बूचड़खानों का आधुनिकीकरण करना बेहद ही जरूरी है.

इन पहलुओं पर गौर करने की है जरूरत

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