Milk: ज्यादा दूध देने वाले पशु के मालिक को सरकार दे रही है 30 हजार रुपये का ईनाम, पढ़ें डिटेल

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नई दिल्ली. हरियाणा सरकार दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी गौ संरक्षण और विकास के लिए गौसंवर्धन और एकीकृत मुर्रा विकास के नाम से योजना चला रही है. इसके तहत ज्यादा दूध उत्पादन करने वाले पशुओं के मालिकों को नकद ईनाम दिया जा रहा है. ये प्रोत्साहन राशि, पांच हजार से लेकर 30 रुपये तक है. इस योजना के तहत हरयाना, साहीवाल और बेलाही नस्ल की सभी गायें व मुर्रा भैंस, जो ज्यादा दूध का उत्पादन करती है तो ये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. हालांकि ईनाम देने से पहले उनकी सन्तति (संतान) सहित पूरी पहचान (कान के टैग सहित) की जाएगी. चुनी गई गायों व मुर्रा भैंसों के दूध उत्पादन को रिकार्ड करने चार महीने बाद पशु मालिकों को पैसा मिलेगा.

बताते चलें कि हर एक आवेदक अधिकतम दो दुधारू पशु (देसी नस्ल की गायों, मुर्रा भैंस) इस योजना के तहत प्रोत्साहन राशि के लिए पात्र होंगे. हालांकि, उत्तम नस्ल की देशी गायों मुर्राह भैंस का डाटा इकट्ठा करने के लिए किसी भी किसान से संबंधित जितना सम्भव हो, उतने पशुओं की दूध रिकार्डिंग की जा सकती है, लेकिन उस आवेदक को प्रोत्साहन राशि किसी तय साल में केवल दो दुधारू पशुओं के लिए दी जाएगी.

किस पशु पर कितना मिलेगा पैसा
साहिवाल गाय के लिए 10 से 12 लीटर और 12 से 15 लीटर प्रतिदिन दूध उत्पादन करने का मानक तय किया गया है. अगर गाय इतना दूध देती है तो 10 हजार 20 हजार रुपये तक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. वहीं हरयाना नस्ल की गाय के लिए 8 से 10, या 12 लीटर और उससे ज्यादा दूध देने पर 10 से 20 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. बेलाही गाय अगर 5 से 8, 8 से 10 या फिर उससे ज्यादा दूध देती है तो 5 से 15 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि पशुपालक को मिलेगी. वहीं मुर्रा भैंस यदि 18 से 22, 22 से 25 या फिर 25 से लीटर से ज्यादा दूध देती है तो 15 से 30 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

कौन कर सकता है आवेदन

  1. आवेदक हरियाणा का निवासी एवं 18 से 55 वर्ष तक की आयु का होना चाहिए.
  2. फर्म या संगठन योजना के तहत आवेदन नहीं कर पाएंगे. यह योजना व्यक्तिगत है.
  3. इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा दो पशु के लिए ही आवेदन किया जा सकता है.
  4. देसी गायों का हरयाना, साहीवाल अथवा बेलाही नस्ल व भैंस का मुर्राह नस्त का होना अनिवार्य है.
  5. किसी खास दुधारू पशु के लिए प्रोत्साहन राशि जीवनकाल में सिर्फ दो बार ली जा सकती है. अगर दो बार एक दुधारू पशु के लिए कोई किसान प्रोत्साहन राशि ले चुका है तो उससे आगे किसी भी ब्यात में दोबारा पैसा नहीं दिया जाएगा.

ये जरूरी दस्तावेज लगाने होंगे

  1. परिवार पहचान पत्र
  2. पैनकार्ड
  3. बैंक पास बुक या फिर कैंसिल किया हुआ चेक

इस शर्त को भी मानना होगा
प्रदान की गई प्रोत्साहन राशि के एवज में पशुपालक पर यह दायित्व होगा कि वह दर्ज की गई स्वदेशी गाय मुर्राह भैंस व उसकी नर संतान को कम से कम एक वर्ष तक न बेचे. फायदा पाने वाले पशुपालक नर बछड़े और बछड़ी की ठीक तरह रख रखाव के लिए बाध्य होंगे. विभाग के पास उसे खरीदने का पहला अधिकार होगा. अगर लाभार्थी इस शर्त का पालन नहीं करता है तो वह नकद प्रोत्साहन के अलए पात्र नहीं होगा. पशुपालक द्वारा अपनी दर्ज की गई स्वदेशी गाय मुर्राह भैस का प्रजनन कृत्रिम गर्भादान द्वारा करवाना अनिवार्य होगा.

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