नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में सरकार दूध उत्पादन बढ़ाने की कोशिश कर रही है. सूबे के मुख्यमंत्री खुले मंच से कई बार कह चुके हैं कि राज्य में 9 फीसद से बढ़ाकर दूध उत्पादन 20 फीसद तक कर देंगे. इसके लिए कई कोशिशें उनकी सरकार की तरफ से जारी है. सरकार की पहल का असर भी दिखाई देने लगा है. असल में राज्य में दूध की खपत में इजाफा हुआ है. आंकड़े के मुताबिक राज्य में दूध की खपत 80 हजार लीटर बढ़ गई है. ये आंकड़ा हर रोज है. वहीं दूध की खपत बढ़ने के साथ ही राज्य में 16 हजार नए किसान जुड़े गए हैं.
दूध की खपत बढ़ने और किसानों के जुड़ने से उन्हें दूध का वाजिब दाम मिल रहा है और उनकी इनकम में इजाफा हो रहा है. इससे राज्य के किसान और मजबूत हो रहे हैं.
पिछले तीन महीने में दूध संघ में 628 नई सहकारी समितियां बनाई गई हैं. इनके जरिए 16,000 नए दुग्ध उत्पादक किसान दूध सप्लाई करने लगे हैं. इसके बाद अब रोजाना 7.80 लाख लीटर दूध दुग्ध संघ में पहुंच रहा है.
एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के एमडी डॉ. संजय गोवानी ने बताया कि नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) द्वारा 13 अप्रैल को दुग्ध संघ की जिम्मेदारी संभाली गई थी.
तब से अब तक सिर्फ तीन महीने में दूध कलेक्शन और दूध की बिक्री में 80,000 लीटर का इजाफा हुआ है.
इसकी वजह यह है कि ईआरपी सिस्टम के जरिए दुग्ध उत्पादक किसानों को अब तय समय पर भुगतान किया जा रहा है.
भोपाल में यह सिस्टम 1 जुलाई से लागू हो चुका है. अगले दो महीने में ग्वालियर और जबलपुर में भी यह सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा.
निष्कर्ष
राज्य की राजधानी भोपाल में ही दूर-दराज के इलाकों की नई कॉलोनियों में भी दूध सप्लाई होने लगा है. मार्केटिंग के लिए एनडीडीबी ने एक नई टीम हायर की है. इससे लोगों को प्योर और गैर मिलावटी दूध मिल रहा है और इससे किसानों को अच्छा दाम मिल रहा है.