नई दिल्ली. देश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार से लेकर तमाम राज्यों की सरकारें काम कर रही हैं. ताकि देश में 24 करोड़ टन लीटर हो रहे दूध उत्पादन में और ज्यादा इजाफा किया जा सके. वहीं मध्य प्रदेश सरकार की ओर से भी दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इन्हीं कदम में से एक राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) ने एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन का प्रबंधन सौंपना भी है. जिसके बाद बाद से एनडीडीबी ने इस सेक्टर में बेहतरी के लिए काम करना शुरू कर दिया है. जिसका फायदा डेयरी किसानों को भी मिलना शुरू हो गया है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ये पहले ही कह चुके हैं कि राज्य में दूध उत्पादन 20 फीसद करने की दिशा में काम किया जा रहा है. बताते चलें कि अभी राज्य देश में दूध उत्पादन के मामले में तीसरे स्थान पर है लेकिन आने वाले समय में इस स्थिति को और बेहतर करने की दिशा में काम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि राज्य को दूध की राधानी बनाएंगे. इससे किसानों को भी फायदा होगा. वहीं राज्य दूध उत्पादन के मामले में और ज्याद मजबूत बनेगा. किसानों को वाजिब और समय से दाम दिलाने की दिशा में भी राज्य सरकार एनडीडीबी के साथ मिलकर काम कर रही है.
एनडीडीबी ने दो महीने में किया पहला बड़ा काम
बता दें कि मध्य प्रदेश में भोपाल प्रदेश के दुग्ध संघों में डिजिटाइजेशन शुरू हो गया है. इसके पहले चरण में दूध खरीदी के बाद उसकी जांच और भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) ने एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन का प्रबंधन संभालने के दो महीने पूरे होने से पहले यह पहला बड़ा काम किया है. इसके लिए फेडरेशन ने ईआरपी सिस्टम लागू कर दिया है. इससे सभी प्रमुख काम ऑनलाइन हो सकेंगे.
एप आधारित मिल्क स्टोरेज सिस्टम बनाया
एमपसीडीएफ के एमडी डॉ. संजय गोवाणी ने इस फैसले के बाबत बताया कि एनडीडीबी ने एक मोबाइल ऐप आधारित मिल्क स्टोरेज सिस्टम भी विकसित की है. यह ऐप ईआरपी सिस्टम से जुड़ा रहेगा. इससे किसानों को दूध का सही मूल्य और समय पर भुगतान मिल सकेगा. भुगतान प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी. यह ऐप स्वचालित दूध संग्रहण प्रणाली की लागत भी घटाएगा. इससे डेयरी संघों को आर्थिक लाभ भी होगा.