Career News: नई शिक्षा नीति के इस बड़े फैसले को पलटा, अब ऐसे होगी इस विषय की परीक्षा

यूपी पॉलिटेक्निक ग्रुप-ए परीक्षा 5 जून से होगी.

नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में नई शिक्षा नीति में फाउंडेशन के सभी सब्जेक्ट के परचे ओएमआर शीट पर कराए जा रहे थे लेकिन इस व्यवस्था के फेल होने के चलते इस फैसले को पलट दिया गया है. अब ओएमआर शीट पर एग्जाम नहीं होगा. जिससे 2021 से लागू ये व्यवस्था अब खत्म हो गई है. कॉलेजों में बीकॉम, बीए, बीएससी जैसे कोर्स की यूजी फर्स्ट ईयर की परीक्षा में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. जो भी सिलेबस जारी हुआ है, उसमें परीक्षा कॉपी-पेन मोड पर ही होगी. प्रश्न पत्र में अब 50 ऑब्जेक्टिव प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे. अब लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पूछे जाएंगे.

जिसका मतलब है कि पुराना सिस्टम वापस आ गया है. हालांकि अभी हिंदी, योग और पर्यावरण विषय की परीक्षा स्कीम तय नहीं है. माना जा रहा है कि ये तीनों पर्चे भी अब ओएमआर शीट पर ही होंगे लेकिन, इनकी परीक्षा स्कीम आने के बाद कुछ साफ होगा. यह माना जा रहा है कि इन तीनों विषयों की भी परीक्षा अब ओएमआर शीट पर नहीं होगी. ऑब्जेक्टिव प्रश्न भी पूछे जाने की संभावना कम है. परीक्षा स्कीम जल्द आने की उम्मीद है.

क्या गड़बड़ियां आईं थी सामने
60 प्रतिशत परचों में हुई थी बड़ी गलतियां, छात्र-कॉलेज समझ ही नहीं पाए
साल 2021 में नई शिक्षा नीति के तहत फाउंडेशन के सभी चारों विषय की परीक्षा कॉपी-पेन के बजाय ओएमआर शीट के सिस्टम से कराई गई थी.

जब 2022 में पहली बार फर्स्ट ईयर की परीक्षा ओएमआर शीट पर हुई थी, तभी से तकनीकी गड़बड़ियों व लापरवाही का सिलसिला शुरू हो गया था.

जिसके चलते चार साल बाद भी सिस्टम नहीं सुधरा. 11वीं बार यह स्थिति बनी कि परीक्षा में हिंदी के बजाय अंग्रेजी और अंग्रेजी के बजाय हिंदी का परचा दे दिया गया.

पहले और दूसरे वर्ष की परीक्षा में तो तीन हजार से ज्यादा छात्र गलत विषय का ही परचा हल करके आ गए थे.

उसके बाद से जो भी परीक्षा हुई, ज्यादातर में या तो छात्र ही सिस्टम नहीं समझ पाए या कई बार कॉलेजों की भी तरफ से चूक हुई.

पहली बार 2022 में हुई परीक्षा में फाउंडेशन विषय में अंग्रेजी के परचे में कायदे से 50 ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाने थे, लेकिन पेपर सेटर की गलती से 10 प्रश्न सही-गलत के पूछ लिए गए.

चूंकि ओएमआर शीट में इसका कोई विकल्प ही नहीं था, इसलिए छात्र 40 अंकों का ही परचा हल कर पाए.

फर्स्ट, सेकंड व थर्ड ईयर में यह स्थिति बनी कि छात्र हिंदी के बजाय अंग्रेजी विषय का परचा हल कर आए.

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