Fish Feed: ​सरकार मिनी फिश फीड मिल खोलने के लिए दे रही है लाखों रुपये, पढ़ें योजना के बारे में

fish farming

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. फिश फीड मिल मछलियों के आहार बनाने की फैक्ट्री को कहा जाता है जहां पर मछलियों का आहार बनता है. बिहार के रोहतास जिले के विक्रमगंज पूरनपुर में करीब 2 एकड़ में फिश फीड मिल का निर्माण हो रहा है. जिसकी लागत करीब 650 लाख रुपए है. वहीं सरकार आम मछली किसानों को भी मिनी फिश फीड मिल लगाने के लिए मदद कर रही है. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सब्सिडी देने की योजना शुरू की है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत किसानों को फिश फीड मिल बनाने के लिए सब्सिडी दी जा रही है. अगर आप भी मछली पालक हैं और चाहते हैं कि फिश फीड मिल से मोटी कमाई करें तो सरकार से मदद लेकर इस काम को शुरू कर सकते हैं.

केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मिनी फिश फीड की मिल जिसकी उत्पादन क्षमता 2 टन प्रतिदिन होगी, इसके लिए सरकार अनुदान दे रही है. इसकी लागत 30 लाख रुपए प्रति यूनिट होगी. अगर आप इस यूनिट को शुरू करना चाहते हैं और सामान्य वर्ग से आपका ताल्लुक है तो आपको 40 फीसदी तक अनुदान मिलेगा. जबकि अनुसूचित जाति महिला वर्ग को 60 फीसदी अनुदान देने की बात कही गई है.

योजना के लिए चाहिए ये डॉक्यूमेंट
योजना का लाभ उठाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र, मतदाता कार्ड, जन्मतिथि प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, दसवीं का सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र तहसीलदार द्वारा जारी देना होगा. वहीं मछली पालन की ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट भी लगाना होगा. भूमि का रिकॉर्ड तहसीलदार से जारी हुआ, जमाबंदी नकल, बिल रसीद, वाउचर देना होगा. इसके अलावा लाभार्थी को फिश फीड मिल के साथ फोटो भी क्लिक करानी होगी. बैंक खाते से पैन कार्ड का विवरण भी देना होगा. फीड मिल की मान्यता परियोजना अनुमान का हिस्सा होगी. तभी इस योजना का फायदा मिलेगा.

इन्हें मिलेगा योजना का फायदा
फायदा पाने वाले के पास परिवार पहचान पत्र होना जरूरी है. फायदा पाने वालों को डीपीआर में एक घोषणा पत्र देना होगा कि बुनियादी सुविधाओं की सभी परिचालन रखरखा और निर्माण के बाद प्रबंध लागत उसके द्वारा खुद खर्च की जाएगी. वहीं फिश फीड मिल को चालू स्थिति में रखा जाएगा. फिश फीड मिलकर केंद्रीय सहायता पीएमएमएसवाई स्कीम के तहत दी जाएगी. सरकार द्वारा सहायता प्राप्त मिनी फिश फीड मिल से उत्पादित फीड की आपूर्ति मछुआरों और मछली किसानों को सस्ती दर पर करना होगा. लंबी अवधि के पंजीकृत पट्टे पर भूमि परियोजना पर इस योजना के तहत केंद्रीय विधि सहायता के लिए विचार किया जाएगा. पंजीकृत पट्टा कम से कम 10 वर्ष का होना चाहिए.

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