नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग का काम वाकई तौर पर बहुत अच्छा है लेकिन अगर इसमें खर्च को कम किया जाए तो यह काम और अच्छा हो सकता है, साथ ही ज्यादा मुनाफा देने वाला भी हो सकता है. पोल्ट्री फार्मिंग के एक्सपर्ट का कहना है कि बहुत से पोल्ट्री फार्मर मुर्गियों का फार्म बनाने में बहुत ज्यादा इन्वेस्ट कर देते हैं. कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि इसमें बहुत ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं है. जब मुर्गी पालन का काम शुरू करें, तब ज्यादा पैसा लगाने की जरूरत नहीं है.
दरअसल, मुर्गियों को धूप से बारिश से और अन्य शिकारी जानवरों से बचाना होता है और इन बातों को ध्यान में रखते हुए कम खर्चे में साधारण तरीके का मुर्गी फार्म बनाना चाहिए.
कैसे खर्च कम कर सकते हैं.
यदि आसानी से बांस उपलब्ध है तो बांस से भी मुर्गी घर का निर्माण कर सकते हैं. ऐसा करने से खर्च बेहद ही काम हो जाएगा.
200 मुर्गियों के रहने के लिए एक मुर्गी घर का निर्माण करना है तो बांस से बनाने में इसका खर्चा 8000 हजार से 9000 रुपए ही आएगा.
मुर्गी पालन में मुर्गी घर बनाने के बाद जो सबसे ज्यादा खर्च दाने पर होता है. यानी मुर्गियों को दाना खिलाने में बहुत ज्यादा खर्च होता है.
बहुत से लोग बाजार के महंगे दाने पर निर्भर होते हैं. इस वजह से उन्हें मुर्गी पालन में दाना और ज्यादा महंगा पड़ता है.
अगर आप ज्यादा दाम वाला दाना मुर्गियों को खिलाएंगे तो खर्चा ज्यादा हो जाएगा. इसलिए मुनाफा कमाने के लिए घर का बनाया हुआ दाना भी खिला सकते हैं.
इसके अलावा घर का जो अनाज होता है, जैसे धान, चावल, मक्का, जौ वगैरह भी खाने में खिला सकते हैं.
इसके अलावा घर में बची सब्जियां और सब्जियों का जो वेस्ट होता है उसे भी मुर्गियों को खिला सकते हैं. वह भी मुर्गियां बड़ी आसानी के साथ और अच्छे से खा लेती हैं.
मुर्गियों को सहजन के पत्ते, इसके साथ-साथ मोरिंगा की घास भी दी जा सकती है. इससे वो अच्छा प्रोडक्शन भी करती हैं.
मुर्गियां पत्ता गोभी भी खा सकती हैं. मूली भी खाती हैं. मूली के पत्ते भी खाती हैं. पपीता भी खाती हैं और पपीते के पत्ते को भी खा लेती हैं. वही केले के पेड़ के नीचे का हिस्सा भी मुर्गियां खा लेती हैं.